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झुग्गियों को अवैध बताकर नॉर्थ MCD ने तोड़ा, लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर - कीर्ति नगर झुग्गीवासी नेताओं से नाराज

कीर्ति नगर के कमला नेहरू कैंप की झुग्गियों को अवैध बताते हुए नॉर्थ एमसीडी ने तोड़ दिया है. जिसके चलते यहां के लोग कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. इन लोगों का आरोप है कि तोड़ने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई.

Slum dwellers forced to live in open sky in Kirti Nagar
बेघर हुए झुग्गीवासी
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Published : Dec 27, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 7:42 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी के कीर्ति नगर स्थित कमला नेहरू कैंप की झुग्गियों को नॉर्थ एमसीडी ने पूरी तरह से तोड़ दिया. जिसके चलते यहां के लोग कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. इन लोगों का आरोप है कि तोड़ने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं दी नहीं दी गई और यहां तक कि कई लोगों को घरों से सामान भी नहीं निकालने दिया गया, जिसके कारण टीवी, फ्रिज और अन्य जरूरी सामान मलबे में दब गए.

बेघर हुए झुग्गीवासी

सारे दस्तावेज फिर भी झुग्गी अवैध

एमसीडी का दावा है कि यह झुग्गियां सरकारी जगह पर बनाई गईं थीं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने जब से होश संभाला, तब से वह इन्हीं झुग्गियों में रह रहे हैं. इतना ही नहीं यहां रहने वाले लोगों का बिजली कनेक्शन तो है ही आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड भी बना हुआ है. इनका कहना है जब भी चुनाव हुए तो वोट मांगने के लिए नेता यहां हाथ जोड़कर आते थे, लेकिन अब जब झुग्गियां टूट गई हैं तो इन झुग्गियों को बचाने कोई नहीं आया और ना ही अब उनकी हालत देखने ही कोई आया है.

नेताओं ने ठगा

लोगों का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने कहा था कि 2015 से पहले का जिसका वोटर आईडी कार्ड बना हुआ है, उन झुग्गियों को तोड़ा नहीं जाएगा. लेकिन एमसीडी ने इन झुग्गियों को पूरी तरह से तोड़ दिया. यहां रहने वाले लोगों का कहना है उनका सामान भी इसी मलबे में दब गया और एक तरफ से उनका पूरी तरह से नेताओं ने इस्तेमाल किया. अगर हाल फिलहाल में कोई चुनाव होता तो इन झुग्गियों को तोड़ा भी नहीं जाता और तोड़ने से पहले बचाने वाले भी अलग-अलग दल सामने आ जाते.

नई दिल्ली: राजधानी के कीर्ति नगर स्थित कमला नेहरू कैंप की झुग्गियों को नॉर्थ एमसीडी ने पूरी तरह से तोड़ दिया. जिसके चलते यहां के लोग कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं. इन लोगों का आरोप है कि तोड़ने से पहले उन्हें कोई जानकारी नहीं दी नहीं दी गई और यहां तक कि कई लोगों को घरों से सामान भी नहीं निकालने दिया गया, जिसके कारण टीवी, फ्रिज और अन्य जरूरी सामान मलबे में दब गए.

बेघर हुए झुग्गीवासी

सारे दस्तावेज फिर भी झुग्गी अवैध

एमसीडी का दावा है कि यह झुग्गियां सरकारी जगह पर बनाई गईं थीं, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने जब से होश संभाला, तब से वह इन्हीं झुग्गियों में रह रहे हैं. इतना ही नहीं यहां रहने वाले लोगों का बिजली कनेक्शन तो है ही आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड भी बना हुआ है. इनका कहना है जब भी चुनाव हुए तो वोट मांगने के लिए नेता यहां हाथ जोड़कर आते थे, लेकिन अब जब झुग्गियां टूट गई हैं तो इन झुग्गियों को बचाने कोई नहीं आया और ना ही अब उनकी हालत देखने ही कोई आया है.

नेताओं ने ठगा

लोगों का आरोप है कि दिल्ली सरकार ने कहा था कि 2015 से पहले का जिसका वोटर आईडी कार्ड बना हुआ है, उन झुग्गियों को तोड़ा नहीं जाएगा. लेकिन एमसीडी ने इन झुग्गियों को पूरी तरह से तोड़ दिया. यहां रहने वाले लोगों का कहना है उनका सामान भी इसी मलबे में दब गया और एक तरफ से उनका पूरी तरह से नेताओं ने इस्तेमाल किया. अगर हाल फिलहाल में कोई चुनाव होता तो इन झुग्गियों को तोड़ा भी नहीं जाता और तोड़ने से पहले बचाने वाले भी अलग-अलग दल सामने आ जाते.

Last Updated : Jan 17, 2021, 7:42 PM IST
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