नई दिल्लीः दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राजधानी के सीवेज सिस्टम को बेहतर बनाने और दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि केजरीवाल सरकार तीनों लैंडफिल साइट को खत्म करने के साथ-साथ कूड़े के बेहतर निस्तारण के लिए दुनिया की आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इजरायल के ठोस कचरा प्रबंधन के विशेषज्ञों से चर्चा की.
वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इजरायली विशेषज्ञों ने सीवेज ट्रीटमेंट लैंडफिल साइट को खत्म करने और कूड़े के निस्तारण को लेकर सौरभ भारद्वाज के सामने एक प्रेजेंटेशन रखा. विशेषज्ञों ने बताया कि इजराइल में 90 से 95 फीसदी सीवेज के पानी का दोबारा इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए पानी के ट्रीटमेंट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में आधुनिक तकनीक की मदद ली जाती है. सीवेज से निकले गाद का इजराइल में खाद बनाकर कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है.
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने इजराइल के सीवेज सिस्टम में भी अपनी रुचि दिखाई. उन्होंने इसके बारे में विशेषज्ञों से अगली कॉंफ्रेंस में विस्तार से कुछ और जानकारियां उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि इजराइल में कूड़ा सीधे लैंडफिल साइट पर नहीं डाला जाता. पहले वेस्ट को लोगों के घरों और इंडस्ट्रीज से इकट्ठा किया जाता. फिर उसको अलग अलग किया जाता है. सेग्रिगेसन के लिए इजरायल में प्लांट बनाया गया है. इन प्लांट्स में सबसे पहले ऑर्गेनिक कूड़े को अलग किया जाता है. इसके बाद कूड़े में से ग्लास, प्लास्टिक और एलमुनियम जैसे अन्य तत्वों को अलग-अलग चरण में अलग किया जाता है. साथ ही यह भी बताया गया कि इजराइल में प्लास्टिक और कूड़े से बिजली पैदा करने के प्लांट लगाकर कूड़े का बेहतर निस्तारण किया जाता है.
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भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली को दुनिया का सबसे साफ और सुंदर बनाने के लिए दृढ़ संकल्प ले चुकी है. इसके लिए सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है. सरकार की प्राथमिकता दिल्ली के सिस्टम को और बेहतर बनाने और कूड़े के तीनों पहाड़ों को हटाने की है. इसके लिए गंभीरता से काम शुरू कर दिया गया है. इजरायल के अलावा दुनिया भर के विशेषज्ञों से राय लेकर एक ऐसा प्लान करने में जुटी है, जैसे दिल्ली जल्द से जल्द दुनिया के साफ और सुंदर चारों में शामिल हो सके.