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टैगोर गार्डन में मनाया गया गुरु रामदास जी का प्रकाश पर्व - टैगोर गार्डन गुरु रामदास जी प्रकाश पर्व

सिखों के चौथे गुरु गुरुरामदास जी के पावन प्रकाश पर्व को राजधानी के अलग-अलग अलग इलाकों में दो नवंबर को धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर टैगोर गार्डन इलाके में लंगर लगाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टेंस का खास ख्याल रखा गया.

guru ramdas parkash purab in tagore garden delhi
गुरु रामदास जी प्रकाश पर्व
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Published : Nov 6, 2020, 3:40 PM IST

नई दिल्लीः सिखों के चौथे गुरु गुरुरामदास जी का प्रकाश पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार के साथ कई इलाकों में सिख समुदाय के लोगों ने जगह-जगह लंगर का आयोजन किया. इसी बीच टैगोर गार्डन इलाके में भी इस पावन मौके पर लंगर लगाया गया, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने आकर लंगर छका.

गुरु रामदास जी प्रकाश पर्व में शामिल हुए सैकड़ों लोग

लंगर के लिए लोग आसपास के इलाके से आ रहे थे. वहीं इस लंगर की सेवा में सिख समुदाय के लोगों के साथ साथ हिंदू, मुस्लिम धर्म के लोगों ने भी सेवा की और इस तरह से समाज मे धार्मिक एकता का संदेश भी दिया. इस लंगर की सेवा में महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लोगों को लंगर बांटते दिखे.

सिखों के चौथे गुरु रामदास जी को गुरु की उपाधि 1574 में दी गई थी और तब विदेशी आक्रमणकारी लगातार एक एक शहर को तबाह कर रहे थे. इसी समय गुरु रामदास जी उनका डटकर मुकाबला भी करते रहे. इसी दौरान इन्होंने एक शहर रामसर बसाया, जो आज अमृतसर के नाम से जाना जाता है.

नई दिल्लीः सिखों के चौथे गुरु गुरुरामदास जी का प्रकाश पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार के साथ कई इलाकों में सिख समुदाय के लोगों ने जगह-जगह लंगर का आयोजन किया. इसी बीच टैगोर गार्डन इलाके में भी इस पावन मौके पर लंगर लगाया गया, जिसमें काफी संख्या में लोगों ने आकर लंगर छका.

गुरु रामदास जी प्रकाश पर्व में शामिल हुए सैकड़ों लोग

लंगर के लिए लोग आसपास के इलाके से आ रहे थे. वहीं इस लंगर की सेवा में सिख समुदाय के लोगों के साथ साथ हिंदू, मुस्लिम धर्म के लोगों ने भी सेवा की और इस तरह से समाज मे धार्मिक एकता का संदेश भी दिया. इस लंगर की सेवा में महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लोगों को लंगर बांटते दिखे.

सिखों के चौथे गुरु रामदास जी को गुरु की उपाधि 1574 में दी गई थी और तब विदेशी आक्रमणकारी लगातार एक एक शहर को तबाह कर रहे थे. इसी समय गुरु रामदास जी उनका डटकर मुकाबला भी करते रहे. इसी दौरान इन्होंने एक शहर रामसर बसाया, जो आज अमृतसर के नाम से जाना जाता है.

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