नई दिल्ली: जर्मन चांसलर एंजेला मार्कल ने शनिवार को द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन पहुंचकर वहां लगे पहले सोलर पावर प्लांट का जायजा लिया, साल 2014 में यहां ये प्लांट लगाया गया था. 5 साल से ये सोलर प्लांट चल रहा है और अब तक 3.3 मिलियन यूनिट बिजली इससे उत्पादित हो चुकी है.
जर्मन कंपनी की सहायता से लगा है प्लांट
स्टेशन पर इस्तेमाल होने वाली कुल बिजली में से 35 फीसदी इसी पावर प्लांट के जरिए उत्पादित होती है. ये प्लांट भारत और जर्मनी के बीच सोलर एनर्जी को लेकर हुए समझौते का एक जीता जागता उदाहरण है. डीएमआरसी के मुताबिक शनिवार को जर्मनी की चांसलर, वहां की मंत्री जूलिया क्लॉकनर के साथ द्वारका सेक्टर-21 मेट्रो स्टेशन पर पहुंची. डीएमआरसी ने इस मेट्रो स्टेशन की छत पर 500 किलो वाट का सोलर प्लांट लगा रखा है. जर्मनी की एक कंपनी ने इसे तैयार किया था. साल 2012 में इसे लेकर एक एमओयू डीएमआरसी और जर्मनी की कंपनी के बीच साइन किया गया था. चांसलर ने मेट्रो पर लगे इस सोलर प्लांट को भी देखा.
तीन जगहों पर लगाया था सोलर प्लांट
जर्मनी की इस कंपनी ने डीएमआरसी के स्थलों को घूम कर एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें जमुना बैंक डिपो, यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन और द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन को सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए उपयुक्त पाया था. डीएमआरसी अब अपने अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों और डिपो के ऊपर लगे सोलर प्लांट से 32.4 मेगावाट बिजली उत्पादित कर रही है. 14 मेट्रो ट्रेन डिपो, 61 मेट्रो स्टेशन और 3 आवासीय परिसर में ये पावर प्लांट लगाए गए हैं.
बिना रुपये खर्च किये लगाए गए हैं सोलर प्लांट
डीएमआरसी के पास लगे सभी पावर प्लांट रेस्को मॉडल के हैं. इसमें डीएमआरसी को कोई लागत नहीं लगानी पड़ती. वो केवल जगह मुहैया करवाती है और इस सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली खरीदती है. इस मौके पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक मंगू सिंह ने कहा कि डीएमआरसी दिल्ली एनसीआर के लोगों को बेहतरीन ट्रांसपोर्ट सुविधा के साथ ही बेहतर वातावरण देने के लिए भी प्रतिबद्ध है.
बता दें इससे पहले सुबह जर्मनी की चांसलर ने द्वारका सेक्टर 21 स्टेशन पर ई रिक्शा चालकों से बात की और बैट्री रिक्शा का जायजा लिया था.