अतिरिक्त आयुक्त राजीव रंजन के अनुसार पश्चिम विहार में रहने वाले वैभव सेठ ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. अगस्त 2016 में उन्होंने ऑनलाइन प्लेसमेंट एजेंसी 'काशीला डॉमेस्टिक हेल्प सर्विस' के माध्यम से आरती नामक लड़की को नौकरी पर रखा था. उन्होंने इस प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक को 25000 रुपये बतौर कमीशन भी दिया था. कमीशन लेने के बाद प्लेसमेंट एजेंसी का मालिक संजय 19 अगस्त को उनके घर आरती को लेकर आया. इसके बाद अगले ही दिन वो गायब हो गई और एजेंसी के मालिक संजय ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया.
क्राइम ब्रांच को सौंपी जांच
इसे लेकर पश्चिम विहार थाने में मामला दर्ज कराया गया था. काफी प्रयास के बावजूद लोकल पुलिस इस मामले में प्लेसमेंट एजेंसी के मालिक की तलाश नहीं कर पाई. एनएचआरसी के हस्तक्षेप के बाद इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी गई. क्राइम ब्रांच ने जब मामले की छानबीन की तो पता चला कि काफी संख्या में फर्जी ऑनलाइन प्लेसमेंट एजेंसी चल रही हैं. ये दिल्ली एनसीआर के लोगों से ठगी करने का काम कर रहे हैं. इस जानकारी पर डीसीपी भीष्म सिंह की देखरेख में एसीपी आदित्य गौतम की टीम ने आरोपियों की तलाश शुरू की.
बड़ी संख्या में मिले फर्जी दस्तावेज
क्राइम ब्रांच आखिरकार इस गैंग के सरगना संजय साहनी का पता लगाने में कामयाब रही. वो गौतमबुद्ध नगर में रह रहा था. इस जानकारी पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से काफी संख्या में फर्जी कागज भी पुलिस ने जब्त किए हैं. इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, रेंट एग्रीमेंट आदि शामिल हैं. इसके अलावा विभिन्न बैंकों की चेकबुक भी आरोपी के पास से बरामद हुई हैं. इसके अलावा 'कुमार नर्सिंग ब्यूरो प्लेसमेंट सर्विस, महालक्ष्मी मेड सर्विस, ओम साईं मेड सर्विस, साहनी प्लेसमेंट सर्विस' आदि के नाम से फर्जी लेटर हेड भी मिले हैं. आरोपी के दो मोबाइल फोन भी पुलिस ने जब्त किए हैं. इसमें कई लोगों के साथ व्हाट्सएप पर की गई चैट भी मौजूद है.
कई वर्षों से कर रहा था ठगी
पूछताछ में आरोपी संजय ने बताया कि वो बिहार के मधुबनी का रहने वाला है. उसका परिवार मछली का कारोबार करता था. दिल्ली में रहने के दौरान वो कुछ लोगों के संपर्क में आया जो फर्जी प्लेसमेंट एजेंसी के नाम पर लोगों से ठगी करते थे. उसे लगा कि ये काम ज्यादा मुनाफे का है. इसलिए उसने काशीला डॉमेस्टिक हेल्प सर्विस के नाम से ऑनलाइन प्लेसमेंट एजेंसी बनाकर लोगों से ठगी करना शुरू कर दिया. वो घरेलू नौकरानी के लिए मांग आने पर उसे घर छोड़ आता और कमीशन ले लेता था. इसके बाद घरेलू नौकरानी वहां से फरार हो जाती थी. आमतौर पर लोग इस तरह की शिकायत भी पुलिस में नहीं करते थे.