नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली में सरकारी जमीनों पर बढ़ती मस्जिदों की संख्या पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने 18 जून को दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र भी लिखा था. गुरुवार को इस मामले पर सांसद प्रवेश वर्मा ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की. उपराज्यपाल को बीजेपी सांसद ने 54 ऐसे स्थानों की सूची सौंपी है, जहां सरकारी जमीन पर मस्जिद या कब्रिस्तान बने हैं.
ईटीवी भारत ने शाही इमाम से की बातचीत
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद से खास बातचीत की. शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने बताया कि अगर जमीन का मालिक अपनी जमीन पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं देता है तो उस जमीन पर बनी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़नी चाहिए.
'प्रवेश वर्मा के पिता मस्जिद आया करते थे'
शाही इमाम ने कहा कि प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए फतेहपुरी मस्जिद में आया करते थे और उनके द्वारा मस्जिदों को लेकर कोई एतराज नहीं किया गया. शाही इमाम का कहना था कि साहिब सिंह वर्मा ने दिल्ली की मस्जिदों और मुसलमानों की सुविधा के लिए विभिन्न काम किए.
'सभी धर्म स्थलों के बारे में पता लगाए'
साथ ही शाही इमाम ने कहा कि दिल्ली में सरकारी जमीन पर बने सभी धर्म स्थलों के बारे में पता लगाया जाए ना कि केवल मस्जिदों के बारे में. उनका कहना था कि यह एक सियासी एजेंडे के तहत सब किया जा रहा है.