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पेशावर कोर्ट के फैसले पर सिरसा ने जताया एतराज, कहा- फैसला सही नहीं

पाकिस्तान में पेशावर हाईकोर्ट ने सिख समुदाय की तरफ से लगाई गई याचिका पर अपने साथ कृपाण रखने के लिए लाइसेंस जारी करने का आदेश दिया है. इसे लेकर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपनी नाराजगी जताई है.

bjp reaction on peshawar court
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Published : Dec 25, 2021, 3:43 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 9:47 AM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तान के पेशावर हाईकोर्ट ने वहां रहने वाले सिख समुदाय के लोगों के लिए एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिससे सिखों की भावना आहत हो रही है. इसी बात पर दिल्ली में बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एतराज जताते हुए कहा है कि यह फैसला सही नहीं है. इस फैसले में कहा गया है कि अब सिखों को कृपाण रखने के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत होगी.

पाकिस्तान के पेशावर उच्च न्यायालय के एक फैसले से न सिर्फ पाकिस्तान में रह रहे सिख समाज के लोग सकते में हैं, बल्कि हिंदुस्तान में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी इस फैसले से बेहद आहत हैं.

पेशावर कोर्ट के फैसले पर बीजेपी की प्रतिक्रिया.

दरअसल पेशावर हाईकोर्ट ने सिखों के कृपाण रखने पर बैन लगाते हुए यह आदेश पारित किया है कि इसे रखने के लिए उन्हें लाइसेंस लेना होगा. इस बात को लेकर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एतराज जताया. उनका कहना है कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान एक साथ आजाद हुए थे और वहां भी सबको पता है कि सिखों के लिए इस बात का क्या महत्व है. सिरसा ने पाकिस्तान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की तरफ से कोर्ट में दी गई दलील इतनी घटिया थी कि कोर्ट में यह कह दिया गया कि बिना लाइसेंस के आप यह चाकू-छुरी नहीं रख सकते. सिरसा का कहना है कि वह बताना चाहते हैं कि यह महज एक सामान्य चाकू छुरी नहीं है, बल्कि यह उनका धर्म है और इसका बहुत ज्यादा महत्व है.

ये भी पढ़ें: शादी से पहले मानसिक विकार की जानकारी नहीं देना फर्जीवाड़ा है : दिल्ली हाईकोर्ट

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश, तीन जनवरी से खुलेंगे

सिरसा ने कहा कि वह पाकिस्तान के सिख भाइयों को यकीन दिलाना चाहते हैं कि भारत उनकी इस लड़ाई में हर संभव मदद करेगा और वह भी भारत और दूसरे देशों की तरह वैसे ही कृपाण को धार्मिक भावना के साथ रख सकेंगे जैसे पहले रखते थे.


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नई दिल्ली : पाकिस्तान के पेशावर हाईकोर्ट ने वहां रहने वाले सिख समुदाय के लोगों के लिए एक ऐसा फैसला सुनाया है, जिससे सिखों की भावना आहत हो रही है. इसी बात पर दिल्ली में बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एतराज जताते हुए कहा है कि यह फैसला सही नहीं है. इस फैसले में कहा गया है कि अब सिखों को कृपाण रखने के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत होगी.

पाकिस्तान के पेशावर उच्च न्यायालय के एक फैसले से न सिर्फ पाकिस्तान में रह रहे सिख समाज के लोग सकते में हैं, बल्कि हिंदुस्तान में रहने वाले सिख समुदाय के लोग भी इस फैसले से बेहद आहत हैं.

पेशावर कोर्ट के फैसले पर बीजेपी की प्रतिक्रिया.

दरअसल पेशावर हाईकोर्ट ने सिखों के कृपाण रखने पर बैन लगाते हुए यह आदेश पारित किया है कि इसे रखने के लिए उन्हें लाइसेंस लेना होगा. इस बात को लेकर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एतराज जताया. उनका कहना है कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान एक साथ आजाद हुए थे और वहां भी सबको पता है कि सिखों के लिए इस बात का क्या महत्व है. सिरसा ने पाकिस्तान सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की तरफ से कोर्ट में दी गई दलील इतनी घटिया थी कि कोर्ट में यह कह दिया गया कि बिना लाइसेंस के आप यह चाकू-छुरी नहीं रख सकते. सिरसा का कहना है कि वह बताना चाहते हैं कि यह महज एक सामान्य चाकू छुरी नहीं है, बल्कि यह उनका धर्म है और इसका बहुत ज्यादा महत्व है.

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सिरसा ने कहा कि वह पाकिस्तान के सिख भाइयों को यकीन दिलाना चाहते हैं कि भारत उनकी इस लड़ाई में हर संभव मदद करेगा और वह भी भारत और दूसरे देशों की तरह वैसे ही कृपाण को धार्मिक भावना के साथ रख सकेंगे जैसे पहले रखते थे.


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Last Updated : Dec 26, 2021, 9:47 AM IST
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