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'धोखेबाज' DDA का एक और कारनामा, बकाया राशि पर लगाया ब्याज, HC जाने की तैयारी में अलॉटी - ब्याज

2014 में डीडीए ने जो फ्लैट अलॉट किए थे, उसकी 90 फीसदी रकम का भुगतान आवंटियों ने कर दी थी. अब डीडीए ने बकाया दस फीसदी रकम के लिए दस हजार अलॉटी को डिमांड नोट भेजा है. जिससे अलॉटी काफी परेशान हैं.

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Published : Jul 30, 2019, 9:11 PM IST

नई दिल्ली: डीडीए के फैसले से वर्ष 2014 के अलॉटी लगातार परेशान हैं. ताजा विवाद डीडीए द्वारा भेजे गए डिमांड नोट को लेकर उठा है. दरअसल डीडीए ने बकाया दस फीसदी रकम के लिए दस हजार अलॉटी को डिमांड नोट भेजा है.

DDA ने मांगा बकाया राशि पर ब्याज

डीडीए ने बकाया रकम पर दस फीसदी ब्याज मांगा गया है जो लगभग 60 हजार रुपये है. अकेले ब्याज की रकम लगभग 60 करोड़ रुपये है जिसके खिलाफ अलॉटी अदालत जाने का मन बना चुके हैं.

डीडीए ने भेजा नोटिस
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 की आवासीय योजना में डीडीए ने पांच साल का लॉकिंग पीरियड रखा था ताकि इस अवधि के दौरान कोई फ्लैट न बेच सके. इसके चलते उन्होंने फ्लैट की कीमत से 90 फीसदी रकम उनसे ले ली थी. बची हुई दस फीसदी रकम लगभग 1.30 लाख रुपये पांच साल बाद लेने की बात कही थी. जनवरी माह में पांच साल पूरे होने पर डीडीए ने अब इन अलॉटियों को बकाया रकम के लिए डिमांड नोट भेजा है. इसमें रकम पर प्रत्येक वर्ष का दस फीसदी ब्याज भी लगाया गया है जो 60 से 65 हजार रुपये के बीच है.

हाईकोर्ट जाएंगे अलॉटी
अलॉटी ऑफ डीडीए के अधयक्ष का कहना है कि यह डीडीए की धोखेबाजी है. उन्होंने यह दस फीसदी रकम उस समय क्यों नहीं ली. उस समय किसी भी अलॉटी ने इनसे पांच साल का समय बकाया राशि को चुकाने ले लिए नहीं मांगा था. डीडीए ने अपने फायदे के लिए यह काम किया ताकि उसकी करोड़ों की कमाई हो सके.

उन्होंने बताया कि डीडीए ने यह रकम चुकाने के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि रखी है. लेकिन कोई भी अलॉटी इस ब्याज की रकम को चुकाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए वह अब डीडीए के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.

नई दिल्ली: डीडीए के फैसले से वर्ष 2014 के अलॉटी लगातार परेशान हैं. ताजा विवाद डीडीए द्वारा भेजे गए डिमांड नोट को लेकर उठा है. दरअसल डीडीए ने बकाया दस फीसदी रकम के लिए दस हजार अलॉटी को डिमांड नोट भेजा है.

DDA ने मांगा बकाया राशि पर ब्याज

डीडीए ने बकाया रकम पर दस फीसदी ब्याज मांगा गया है जो लगभग 60 हजार रुपये है. अकेले ब्याज की रकम लगभग 60 करोड़ रुपये है जिसके खिलाफ अलॉटी अदालत जाने का मन बना चुके हैं.

डीडीए ने भेजा नोटिस
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 की आवासीय योजना में डीडीए ने पांच साल का लॉकिंग पीरियड रखा था ताकि इस अवधि के दौरान कोई फ्लैट न बेच सके. इसके चलते उन्होंने फ्लैट की कीमत से 90 फीसदी रकम उनसे ले ली थी. बची हुई दस फीसदी रकम लगभग 1.30 लाख रुपये पांच साल बाद लेने की बात कही थी. जनवरी माह में पांच साल पूरे होने पर डीडीए ने अब इन अलॉटियों को बकाया रकम के लिए डिमांड नोट भेजा है. इसमें रकम पर प्रत्येक वर्ष का दस फीसदी ब्याज भी लगाया गया है जो 60 से 65 हजार रुपये के बीच है.

हाईकोर्ट जाएंगे अलॉटी
अलॉटी ऑफ डीडीए के अधयक्ष का कहना है कि यह डीडीए की धोखेबाजी है. उन्होंने यह दस फीसदी रकम उस समय क्यों नहीं ली. उस समय किसी भी अलॉटी ने इनसे पांच साल का समय बकाया राशि को चुकाने ले लिए नहीं मांगा था. डीडीए ने अपने फायदे के लिए यह काम किया ताकि उसकी करोड़ों की कमाई हो सके.

उन्होंने बताया कि डीडीए ने यह रकम चुकाने के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि रखी है. लेकिन कोई भी अलॉटी इस ब्याज की रकम को चुकाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए वह अब डीडीए के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.

Intro:नई दिल्ली
डीडीए के फैसले से वर्ष 2014 के अलॉटी लगातार परेशान चल रहे हैं. ताजा विवाद डीडीए द्वारा भेजे गए डिमांड नोट को लेकर उठा है. दरअसल डीडीए ने बकाया दस फीसदी रकम के लिए दस हजार अलॉटी को डिमांड नोट भेजा है. इसमें बकाया रकम पर दस फीसदी ब्याज मांगा गया है जो लगभग 60 हजार रुपये है. अकेले ब्याज की रकम लगभग 60 करोड़ रुपये है जिसके खिलाफ अलॉटी अदालत जाने का मन बना चुके हैं.


Body:जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 की आवासीय योजना में डीडीए ने पांच साल का लॉकिंग पीरियड रखा था ताकि इस अवधिनके दौरान कोई फ्लैट न बेच सके. इसके चलते उन्होंने फ्लैट की कीमत से 90 फीसदी रकम उनसे ले ली थी. वहीं बची हुई दस फीसदी रकम लगभग 1.30 लाख रुपये पांच साल बाद लेने की बात कही थी. बीते जनवरी माह में पांच साल पूरे होने पर डीडीए ने अब इन अलॉटियों को बकाया रकम के लिए डिमांड नोट भेजा है. इसमें रकम पर प्रत्येक वर्ष का दस फीसदी ब्याज भी लगाया गया है जो 60 से 65 हजार रुपये के बीच है.


अलॉटी नहीं चुकाएंगे यह ब्याज
अलॉटी ऑफ डीडीए के अधयक्ष का कहना है कि यह डीडीए की धोखेबाजी है. उन्होंने यह दस फीसदी रकम उस समय क्यों नहीं ली. उस समय किसी भी अलॉटी ने इनसे पांच साल का समय बकाया राशि को चुकाने ले लिए नहीं मांगा था. डीडीए ने अपने फायदे के लिए यह काम किया ताकि उसकी करोड़ों की कमाई हो सके. उन्होंने बताया कि डीडीए ने यह रकम चुकाने के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि रखी है. लेकिन कोई भी अलॉटी इस ब्याज की रकम को चुकाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए वह याब डीडीए के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.






Conclusion:दस हजार अलॉटी के साथ डीडीए ने किया धोखा
वैभव पुग्गल ने बताया कि डीडीए ने वर्ष 2014 के नरेला एवं रोहिणी के दस हजार अलॉटियों के साथ बड़ा धोखा किया है. उन्हें एलआइजी फ्लैट बताकर ईडब्ल्यूएस फ्लैट थमा दिए गए. यह फ्लैट इतने छोटे हैं कि उसमें रहना संभव नहीं है. यहां का विकास नहीं किया जा रहा है. इन्हीं फ्लैटों को अब डीडीए सस्ती कीमतों पर अलग-अलग तरीके से बेच रहा है. ऐसे में उन लोगों से पाँच साल का ब्याज मांगना डीडीए की शर्मनाक हरकत है. इसके खिलाफ वह अब अदालत में आवाज उठाएंगे और वहां डीडीए की पोल खोलेंगे.

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