नई दिल्ली: डीडीए के फैसले से वर्ष 2014 के अलॉटी लगातार परेशान हैं. ताजा विवाद डीडीए द्वारा भेजे गए डिमांड नोट को लेकर उठा है. दरअसल डीडीए ने बकाया दस फीसदी रकम के लिए दस हजार अलॉटी को डिमांड नोट भेजा है.
डीडीए ने बकाया रकम पर दस फीसदी ब्याज मांगा गया है जो लगभग 60 हजार रुपये है. अकेले ब्याज की रकम लगभग 60 करोड़ रुपये है जिसके खिलाफ अलॉटी अदालत जाने का मन बना चुके हैं.
डीडीए ने भेजा नोटिस
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 की आवासीय योजना में डीडीए ने पांच साल का लॉकिंग पीरियड रखा था ताकि इस अवधि के दौरान कोई फ्लैट न बेच सके. इसके चलते उन्होंने फ्लैट की कीमत से 90 फीसदी रकम उनसे ले ली थी. बची हुई दस फीसदी रकम लगभग 1.30 लाख रुपये पांच साल बाद लेने की बात कही थी. जनवरी माह में पांच साल पूरे होने पर डीडीए ने अब इन अलॉटियों को बकाया रकम के लिए डिमांड नोट भेजा है. इसमें रकम पर प्रत्येक वर्ष का दस फीसदी ब्याज भी लगाया गया है जो 60 से 65 हजार रुपये के बीच है.
हाईकोर्ट जाएंगे अलॉटी
अलॉटी ऑफ डीडीए के अधयक्ष का कहना है कि यह डीडीए की धोखेबाजी है. उन्होंने यह दस फीसदी रकम उस समय क्यों नहीं ली. उस समय किसी भी अलॉटी ने इनसे पांच साल का समय बकाया राशि को चुकाने ले लिए नहीं मांगा था. डीडीए ने अपने फायदे के लिए यह काम किया ताकि उसकी करोड़ों की कमाई हो सके.
उन्होंने बताया कि डीडीए ने यह रकम चुकाने के लिए 31 जुलाई अंतिम तिथि रखी है. लेकिन कोई भी अलॉटी इस ब्याज की रकम को चुकाने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए वह अब डीडीए के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं.