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भूख हड़ताल पर BJP नेता, कहा- 'जहां झुग्गी, वही मकान' के नारे को हकीकत में बदले - दलित आंदोलन की व्याख्या

दिल्ली में 2 दिनों से भाजपा नेता चरत सिंह राछोया और दलित समाज के लोग भूख हड़ताल पर हैं. इनका गुस्सा तब फूटा जब दिल्ली सरकार ने कोई प्रतिक्रीया नहीं दी. दलित समाज के लोगों की मांग है कि दिल्ली सरकार "जहां झुग्गी वही मकान" के नारे को हकीकत में बदले.

Dalit people showed their anger against the Delhi government by protest
दिल्ली में दलित लोगों का प्रदर्शन
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Published : Dec 11, 2019, 11:32 PM IST

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर इलाके में पिछले 2 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे भाजपा नेता चरत सिंह राछोया और दलित समाज के लोगों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें कोई प्रतिक्रिया मिलती नहीं दिखी.

दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

भूख हड़ताल पर बैठे लोगों ने की सड़क जाम
भूखा हड़ताल पर बैठे लोगों ने सड़क पर ट्रैफिक जाम लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ हंगामा और प्रदर्शन किया. जहां इस प्रदर्शन में दलित समाज की सैकड़ों महिलाओं व पुरूषों ने हाथों में तिरंगा झंडा और तख्ती लेकर दिल्ली सरकार का विरोध किया.

दिल्ली सरकार के खिलाफ दलितों का आक्रोश
दलित समाज के लोगों की मांग है कि दिल्ली सरकार "जहां झुग्गी वही मकान" के नारे को हकीकत में बदले और उनकी मांगों को पूरा करें. जिसके लिए ये लोग कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. लेकिन सरकार गहरी नींद में सोई हुई है. वही कई दिनों से भूख हड़ताल के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना आने के कारण लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने रोहतक हाईवे रोड पर ट्रैफिक जाम लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा, प्रदर्शन और नारेबाजी की जिसके चलते घंटो तक ट्रैफिक बाधित रहा.

भगवान को माना अपनी सरकार
इन लोगों का आरोप हैं कि दिल्ली सरकार बहरी, भ्रष्ट, और धोखेबाज है. इसलिए इनका कहना हैं कि इन्होंने अपनी सरकार भगवान को माना है. यहां पिछले 3 दिनों से ये प्रदर्शनकारी लोग भूख हड़ताल के साथ-साथ हवन भी कर रहे हैं. जिसमें हर गरीब ने अपनी आहुति दी है.

इन्हीं गंदी गलियों में वोट मांगने आते हैं नेता- प्रदर्शनकारी लोग
इन लोगों का कहना हैं कि चुनाव आने पर नेता हमारी इन्हीं गंदी गलियों में आकर वोट की भीख मांगते हैं. इन्हीं गंदगी में बैठे बच्चों को गोद में उठाते हैं और जीतने के बाद याद तक नहीं करते. लेकिन हमारी मांग है कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने कठपुतली कॉलोनी को बनाया है उसी तरह से दिल्ली सरकार हमें भी मकान बनाकर दे.

सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं दलित
दलित लोगों का कहना है कि हम भीख नहीं मांग रहे हैं. हम अपना कानूनी हक मांग रहे हैं. ये कानूनी हक है कि जहां झुग्गी वही मकान क्योंकि बाबा साहब ने कहा था. जो जमीन सरकारी है वे जमीन हमारी है. ऐसे में सरकार हमें हमारा हक दे और चुनाव में जो नेताओं ने वादा किया था उसे पूरा करें. इस सरकार को हमने अपने वोट देकर सत्ता में पहुंचाया है. हमने जरिए ही ये विधायक बनें हैं. लेकिन अब जो नेता और सरकार हमें पूछने नहीं आ रहे, तो हम भी चुनावों में उन्हें पूछने वाले नहीं है.

फिलहाल दलित लोगों का ये रोष और भूख हड़ताल जारी है. ऐसे में अभी तक कोई नेता इनकी सुध लेने नहीं आया है. जहां अब ये दलित चुनाव में सरकार को करारी शिकस्त देने की तैयारी में जुट चुके हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि जिन झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को नेता अपना वोट बैंक मानते हैं. वे लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में नेता को वोट या नहीं, ये आने वाला वक्त ही बताएगा.

नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर इलाके में पिछले 2 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे भाजपा नेता चरत सिंह राछोया और दलित समाज के लोगों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें कोई प्रतिक्रिया मिलती नहीं दिखी.

दिल्ली सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

भूख हड़ताल पर बैठे लोगों ने की सड़क जाम
भूखा हड़ताल पर बैठे लोगों ने सड़क पर ट्रैफिक जाम लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ हंगामा और प्रदर्शन किया. जहां इस प्रदर्शन में दलित समाज की सैकड़ों महिलाओं व पुरूषों ने हाथों में तिरंगा झंडा और तख्ती लेकर दिल्ली सरकार का विरोध किया.

दिल्ली सरकार के खिलाफ दलितों का आक्रोश
दलित समाज के लोगों की मांग है कि दिल्ली सरकार "जहां झुग्गी वही मकान" के नारे को हकीकत में बदले और उनकी मांगों को पूरा करें. जिसके लिए ये लोग कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. लेकिन सरकार गहरी नींद में सोई हुई है. वही कई दिनों से भूख हड़ताल के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना आने के कारण लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने रोहतक हाईवे रोड पर ट्रैफिक जाम लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा, प्रदर्शन और नारेबाजी की जिसके चलते घंटो तक ट्रैफिक बाधित रहा.

भगवान को माना अपनी सरकार
इन लोगों का आरोप हैं कि दिल्ली सरकार बहरी, भ्रष्ट, और धोखेबाज है. इसलिए इनका कहना हैं कि इन्होंने अपनी सरकार भगवान को माना है. यहां पिछले 3 दिनों से ये प्रदर्शनकारी लोग भूख हड़ताल के साथ-साथ हवन भी कर रहे हैं. जिसमें हर गरीब ने अपनी आहुति दी है.

इन्हीं गंदी गलियों में वोट मांगने आते हैं नेता- प्रदर्शनकारी लोग
इन लोगों का कहना हैं कि चुनाव आने पर नेता हमारी इन्हीं गंदी गलियों में आकर वोट की भीख मांगते हैं. इन्हीं गंदगी में बैठे बच्चों को गोद में उठाते हैं और जीतने के बाद याद तक नहीं करते. लेकिन हमारी मांग है कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने कठपुतली कॉलोनी को बनाया है उसी तरह से दिल्ली सरकार हमें भी मकान बनाकर दे.

सरकार से भीख नहीं मांग रहे हैं दलित
दलित लोगों का कहना है कि हम भीख नहीं मांग रहे हैं. हम अपना कानूनी हक मांग रहे हैं. ये कानूनी हक है कि जहां झुग्गी वही मकान क्योंकि बाबा साहब ने कहा था. जो जमीन सरकारी है वे जमीन हमारी है. ऐसे में सरकार हमें हमारा हक दे और चुनाव में जो नेताओं ने वादा किया था उसे पूरा करें. इस सरकार को हमने अपने वोट देकर सत्ता में पहुंचाया है. हमने जरिए ही ये विधायक बनें हैं. लेकिन अब जो नेता और सरकार हमें पूछने नहीं आ रहे, तो हम भी चुनावों में उन्हें पूछने वाले नहीं है.

फिलहाल दलित लोगों का ये रोष और भूख हड़ताल जारी है. ऐसे में अभी तक कोई नेता इनकी सुध लेने नहीं आया है. जहां अब ये दलित चुनाव में सरकार को करारी शिकस्त देने की तैयारी में जुट चुके हैं. ऐसे में देखना ये होगा कि जिन झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को नेता अपना वोट बैंक मानते हैं. वे लोग आने वाले विधानसभा चुनाव में नेता को वोट या नहीं, ये आने वाला वक्त ही बताएगा.

Intro:पश्चिमी दिल्ली:- पश्चिमी दिल्ली के मादीपुर इलाके में पिछले 2 दिनों से भूख ताल पर बैठे भाजपा नेता व दलित समाज के लोगों का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब दिल्ली सरकार की तरफ से उन्हें कोई प्रतिक्रिया मिलती नहीं दिखी। ऐसे में भूखा टाल पर बैठे लोगों ने सड़क पर ट्रैफिक जाम लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ हंगामा और प्रदर्शन किया। जहां इस प्रदर्शन में दलित समाज की सैकड़ों महिलाओं व पुरूषों ने हाथों में तिरंगा झंडा व तख्ती लेकर दिल्ली सरकार का विरोध किया।


Body:दिल्ली सरकार के खिलाफ दलितों का आक्रोश

दलित समाज के लोगों की मांग है कि दिल्ली सरकार "जहां झुग्गी वही मकान" के नारे को हकीकत बनाए और उनकी मांगों को पूरा करें । जिसके लिए यह लोग कई दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पर सरकार गहरी नींद में सोई हुई है । वही कई दिनों से भूख हड़ताल के बाद दिल्ली सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना आने के कारण लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने रोहतक हाईवे रोड पर ट्रैफिक जाम लगाकर दिल्ली सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा, प्रदर्शन और नारेबाजी की जिसके चलते घंटो तक ट्रैफिक बाधित रहा ।

चुनाव में देंगे दलित सरकार को जवाब

वही दलित लोग आरोप लगा रहे हैं कि दिल्ली सरकार बहरी, निकम्मी, भ्रष्ट, और धोखेबाज है । इसलिए हमने अपनी सरकार भगवान को माना है । यहां पिछले 3 दिनों से भूख हड़ताल के साथ-साथ हवन भी कर रहे हैं। जिसमें हर गरीब ने अपनी आहुति दी है। वही चुनाव आने पर नेता हमारी इन्हीं गंदी गलियों में आकर वोट की भीख मांगते हैं। इन्हीं गंदगी में बैठे बच्चों को गोद में उठाते हैं। और जीतने के बाद याद तक नहीं करते। लेकिन हमारी मांग है कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने कठपुतली कॉलोनी को बनाया है । उसी तरह से दिल्ली सरकार हमें भी मकान बनाकर दे ।

दलित भीख नहीं मांग हे सरकार से

दलित लोगों का कहना है कि हम भीख नहीं मांग रहे हैं। हम अपना कानूनी हक मांग रहे हैं । यह कानूनी हक है कि जहां झुग्गी वही मकान क्योंकि बाबा साहब ने कहा था। जो जमीन सरकारी है वह जमीन हमारी है । ऐसे में सरकार हमें हमारा हक दे और चुनाव में जो नेताओं ने वादा किया था । उस वादे को सरकार पूरा करें । इस सरकार को हमने अपने वोटो को देखकर बनाया था। हमने ही विधायक को बनाया। लेकिन अब जो नेता व सरकार हमें पूछने नहीं आ रहे , तो हम भी चुनावों में उन्हें पूछने वाले नहीं है।





Conclusion:फिलहाल दलित लोगों का यह रोष और भूख हड़ताल जारी है। ऐसे में अभी तक कोई नेता इनकी सुध लेने नहीं आया है। जहां अब यह दलित चुनाव में सरकार को करारी शिकस्त देने की तैयारी में जुट चुके हैं। ऐसे में देखना यह होगा कि जिन झुग्गी बस्तियों को नेता अपना वोट बैंक मानते हैं। क्या आने वाले विधानसभा चुनाव में नेता उस वोट बैंक से अपने लिए मतदान कैश करा सकेंगे। या फिर इन दलित लोगों के रोष का शिकार बन कर रह जाएंगे। यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

वोकथरु ,ओपी शुक्ला, (विथ चरत सिंह राछोया, दलित व bjp नेता)
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