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कोरोना वायरस: तिहाड़ से 3000 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाएगा - delhi lockdown news

दिल्ली में लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को घरों में रहने को कहा गया है. वहीं अब तिहाड़ जेल से 3000 कैदियों को एमरजेंसी पैरोल पर रिहा किया जाएगा. ईटीवी भारत ने इसको लेकर DSLSA के जनरल सेक्रेटरी और डिस्ट्रिक्ट सेशन जज कंवलजीत अरोड़ा से बातचीत की.

session judge kawaljeet arora
सेशन जज कंवलजीत अरोड़ा
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Published : Apr 2, 2020, 10:18 AM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है, वहीं सरकार और न्यायालय की सहमति से तिहाड़ जेल से लगभग 3000 कैदी एमरजेंसी पैरोल पर रिहा किए जा रहे हैं.

पेरोल पर रिहा किए जाएंगे 3000 कैदी


सोशल डिस्टेंस की जरूरत

दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (DSLSA) के जनरल सेक्रेटरी और डिस्ट्रिक्ट सेशन जज कंवलजीत अरोड़ा के मुताबिक कोरोना वायरस को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन का आवाहन किया है.

जिससे लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग बन सके. ऐसे में तिहाड़ जेल में रहने वाले लगभग 17,000 कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मुमकिन नहीं था. जिसके चलते लगभग 3000 कैदियों को इमरजेंसी पैरोल पर रिहाई दी गई है.



कवलजीत अरोड़ा के मुताबिक तिहाड़ जेल के उन्हीं कैदियों को इंटेरिम बेल पर छोड़ा गया है, जो विचाराधीन कैदी है. और जो किसी माइनर क्राइम में जेल में लाए गए हैं. साथ ही जिसकी सजा 7 साल से कम की है. इनमें से ज्यादातर कैदी वह भी है जो लगभग 1 महीने से तिहाड़ जेल में थे. इन सभी को इंटेरिम बेल पर रिहा किया गया है.



बड़े अपराधियो को इंटरिम बेल नहीं

कंवलजीत अरोड़ा के मुताबिक ऐसे अवसर पर बहुत से बड़े अपराधी भी इसका फायदा उठाने कोशिश करते हैं. लेकिन बड़े अपराधियों को किसी तरह के इंटेरिम बेल पर रिहा नहीं किया जाएगा.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के चलते जहां लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है, वहीं सरकार और न्यायालय की सहमति से तिहाड़ जेल से लगभग 3000 कैदी एमरजेंसी पैरोल पर रिहा किए जा रहे हैं.

पेरोल पर रिहा किए जाएंगे 3000 कैदी


सोशल डिस्टेंस की जरूरत

दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (DSLSA) के जनरल सेक्रेटरी और डिस्ट्रिक्ट सेशन जज कंवलजीत अरोड़ा के मुताबिक कोरोना वायरस को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन का आवाहन किया है.

जिससे लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग बन सके. ऐसे में तिहाड़ जेल में रहने वाले लगभग 17,000 कैदियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मुमकिन नहीं था. जिसके चलते लगभग 3000 कैदियों को इमरजेंसी पैरोल पर रिहाई दी गई है.



कवलजीत अरोड़ा के मुताबिक तिहाड़ जेल के उन्हीं कैदियों को इंटेरिम बेल पर छोड़ा गया है, जो विचाराधीन कैदी है. और जो किसी माइनर क्राइम में जेल में लाए गए हैं. साथ ही जिसकी सजा 7 साल से कम की है. इनमें से ज्यादातर कैदी वह भी है जो लगभग 1 महीने से तिहाड़ जेल में थे. इन सभी को इंटेरिम बेल पर रिहा किया गया है.



बड़े अपराधियो को इंटरिम बेल नहीं

कंवलजीत अरोड़ा के मुताबिक ऐसे अवसर पर बहुत से बड़े अपराधी भी इसका फायदा उठाने कोशिश करते हैं. लेकिन बड़े अपराधियों को किसी तरह के इंटेरिम बेल पर रिहा नहीं किया जाएगा.

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