नई दिल्ली: एक तरफ कोरोना के बढ़ते मामले, तो दूसरी तरफ डेंगू का खतरा, उस पर दिल्ली की आवोहवा का अभी भी 'बहुत खराब' श्रेणी में होना, लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के कंस्ट्रक्शन पर रोक के आदेश के बाद भी दिल्ली में खुलेआम कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है, जो की हवा को सबसे ज्यादा प्रदूषित करता है.
दरअसल सरकार और एजेंसियां लगातार दावा कर रही हैं कि प्रदूषण फैलाने के लिए निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक है, लेकिन आलम यह है अधिकतर इलाकों में निर्माण कार्य धड़ल्ले से हो रहा है. बिल्डिंग मटेरियल खुले में गली मोहल्ले सड़कों पर पड़े हुए हैं, लेकिन कोई भी एजेंसी इसे रोकने को सामने नहीं आ रही. यहां तक कि कोर्ट ने भी निर्माण कार्य पर कोई राहत नहीं दी है और अगले आदेश तक इस पर रोक लगाई है, लेकिन यह रोक सिर्फ आदेश बनकर कागजों में ही रह गया है. बात सिर्फ वेस्ट दिल्ली की ही नहीं बल्कि दिल्ली के दूसरे इलाकों की भी है जहां खुलेआम निर्माण कार्य चल रहा है.
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लोगों में इसबात का कहीं से डर नहीं दिख रहा कि इस काम पर रोक है, और तो और बिल्डिंग मेटेरियाल भी सड़क पर खुले में ही जगह-जगह रखे हुए हैं. इन दिनों तो हवाएं भी चल रही हैं लेकिन न ही इन्हें रोकने के लिए कहीं कोई सरकारी एजेंसी की पहल नजर आ रही और न ही पुलिस ही इसकी रोकथाम में सक्रिय है. ऐसे में बड़ा सवाल की प्रदूषण रुकेगा कैसे.
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