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एमसीडी चुनाव में प्रत्याशियों को परंपरागत प्रचार के तरीकों पर भरोसा - candidates doing door to door campaign

दिल्ली में सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हैं और पोस्टर, बैनर, जन सभाओं और सोशल मीडिया समेत कई तरीकों से प्रचार कर रही हैं. वहीं इस दौर में भी कई प्रत्याशी परंपरागत चुनाव प्रचार (traditional election campaign) को ही कारगर बता रहे हैं.

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Published : Nov 28, 2022, 4:21 PM IST

नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव में अब कुछ ही दिन रह गए हैं, जिसे देखते हुए सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिए हैं. ऐसे में प्रत्याशी किसी भी पार्टी के हो, वह बिना किसी बड़ी सभा और बड़े नेताओं की रैली के चुनाव प्रचार के बजाय परंपरागत तरीकों पर ही भरोसा कर रहे हैं. यही वजह है कि शुरू से लगातार डोर टू डोर और पदयात्रा कर अपने वार्ड के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहते हैं.

जनकपुरी वार्ड नंबर 106 से बीजेपी प्रत्याशी उर्मिला चावला अपने वार्ड के तहत आने वाली अलग-अलग कॉलोनी में लगातार पदयात्रा और डोर टू डोर जा कर लोगों से मिल रही हैं. साथ में उनके पति और साउथ एमसीडी के पूर्व में नरेंद्र चावला के साथ-साथ समर्थकों की भीड़ अलग-अलग इलाकों में पहुंच रही और लोगों से समर्थन मांग रही है. उनकी पदयात्रा की शुरुआत सुबह 8 बजे से होती है और दिन के 12 बजे तक चलती है. उसके बाद फिर से दोबारा दोपहर से डोर टू डोर कैंपेन शुरू होता है और रात को 8 बजे तक लगातार चलता रहता है.

वहीं विकास नगर वार्ड 109 से कांग्रेस की प्रत्याशी बबिता अग्निहोत्री सुबह से लेकर रात तक गली-गली जाकर लोगों से संपर्क कर रही हैं. वो खुद के समर्थन को लेकर लोगों का भरोसा ले रही हैं. अपने-अपने इलाके में दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी इन्हीं परंपरागत प्रचार के तरीकों को अपना रहे और एक दिन में इन्हें कम से कम 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. लेकिन इनके अनुसार अपने इलाके के वोटरों से संपर्क करने का इससे बढ़िया दूसरा तरीका नहीं है.

एमसीडी चुनाव में प्रत्याशियों को परंपरागत प्रचार के तरीकों पर भरोसा

ये भी पढ़ें: दिल्ली में श्रद्धा मर्डर जैसी वारदात, मां ने बेटे के साथ मिलकर पति को मारा, शव के 10 टुकड़े कर फ्रिज में रखे

उनका यह भी मानना है कि बड़ी रैलियां और बड़ी सभाओं में कौन, कहां किस वार्ड से किस पार्टी को समर्थन देने वाले होते हैं इस बात की जानकारी नहीं होती. लेकिन इलाके में जाने के बाद लोगों के स्वागत करने के तरीके और उनके सामने आकर मिलने और आशीर्वाद देने से उनके मूड का पता चल जाता है. वहीं उर्मिला चावला जहां अपने इलाके में अपने पति के पार्षद रहते हुए किए गए विकास के कामों के आधार पर जीत का दावा कर रही हैं. वहीं दूसरी तरफ विकास नगर इलाके के प्रत्याशी पूर्व पार्षद के नाकामी को लोगों के बीच मुद्दा बना रहे हैं.

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नई दिल्ली: एमसीडी चुनाव में अब कुछ ही दिन रह गए हैं, जिसे देखते हुए सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिए हैं. ऐसे में प्रत्याशी किसी भी पार्टी के हो, वह बिना किसी बड़ी सभा और बड़े नेताओं की रैली के चुनाव प्रचार के बजाय परंपरागत तरीकों पर ही भरोसा कर रहे हैं. यही वजह है कि शुरू से लगातार डोर टू डोर और पदयात्रा कर अपने वार्ड के अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचना चाहते हैं.

जनकपुरी वार्ड नंबर 106 से बीजेपी प्रत्याशी उर्मिला चावला अपने वार्ड के तहत आने वाली अलग-अलग कॉलोनी में लगातार पदयात्रा और डोर टू डोर जा कर लोगों से मिल रही हैं. साथ में उनके पति और साउथ एमसीडी के पूर्व में नरेंद्र चावला के साथ-साथ समर्थकों की भीड़ अलग-अलग इलाकों में पहुंच रही और लोगों से समर्थन मांग रही है. उनकी पदयात्रा की शुरुआत सुबह 8 बजे से होती है और दिन के 12 बजे तक चलती है. उसके बाद फिर से दोबारा दोपहर से डोर टू डोर कैंपेन शुरू होता है और रात को 8 बजे तक लगातार चलता रहता है.

वहीं विकास नगर वार्ड 109 से कांग्रेस की प्रत्याशी बबिता अग्निहोत्री सुबह से लेकर रात तक गली-गली जाकर लोगों से संपर्क कर रही हैं. वो खुद के समर्थन को लेकर लोगों का भरोसा ले रही हैं. अपने-अपने इलाके में दोनों ही पार्टी के प्रत्याशी इन्हीं परंपरागत प्रचार के तरीकों को अपना रहे और एक दिन में इन्हें कम से कम 8 से 10 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है. लेकिन इनके अनुसार अपने इलाके के वोटरों से संपर्क करने का इससे बढ़िया दूसरा तरीका नहीं है.

एमसीडी चुनाव में प्रत्याशियों को परंपरागत प्रचार के तरीकों पर भरोसा

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उनका यह भी मानना है कि बड़ी रैलियां और बड़ी सभाओं में कौन, कहां किस वार्ड से किस पार्टी को समर्थन देने वाले होते हैं इस बात की जानकारी नहीं होती. लेकिन इलाके में जाने के बाद लोगों के स्वागत करने के तरीके और उनके सामने आकर मिलने और आशीर्वाद देने से उनके मूड का पता चल जाता है. वहीं उर्मिला चावला जहां अपने इलाके में अपने पति के पार्षद रहते हुए किए गए विकास के कामों के आधार पर जीत का दावा कर रही हैं. वहीं दूसरी तरफ विकास नगर इलाके के प्रत्याशी पूर्व पार्षद के नाकामी को लोगों के बीच मुद्दा बना रहे हैं.

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