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पश्चिम विहारः पैसेंजर की कमी से परेशान ऑटो चालक

कोराना महामारी से कोई भी अछूता नहीं रहा. दिल्ली में ऑटो चालकों पर भी इसकी काफी मार पड़ी है. पश्चिम विहार में ऑटो चालक पैसेंजर के इंतजार में खड़े रहते हैं, लेकिन पैसेंजर की कमी से घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

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Published : Feb 27, 2021, 5:47 PM IST

Auto drivers
ऑटो चालक

नई दिल्ली: कोरोना महामारी की मार ऑटो चालकों पर भी पड़ी है. पश्चिम विहार में ऑटो चालक लाइन लगाकर पैसेंजर के इंतजार में खड़े रहते हैं, लेकिन पैसेंजर की कमी उनके चेहरों पर उदासी बढ़ा रही है. ऐसे में कई घंटों तक वह खाली बैठे रहते हैं.

पश्चिम विहार में पैसेंजर की कमी

ऑटो खड़ा नहीं करने देती ट्रैफिक पुलिस
ईटीवी भारत की टीम से बातचीत करते हुए ऑटो चालकों ने बताया कि वह सुबह ही ऑटो लेकर निकल जाते हैं, लेकिन पैसेंजर न मिलने के कारण कई घंटों तक खाली बैठे रहते हैं. उन्हें अधिक परेशानी उस समय होती है, जब पुलिस द्वारा खड़ा नहीं होने दिया जाता और ऑटो का चालान कर दिया जाता है.


ये भी पढ़ेंःआरएसएस ने संस्थागत संतुलन को नष्ट कर दिया : राहुल गांधी

कोरोना काल के बाद आधी हुई कमाई
ऑटो वालों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से काम बहुत डाउन हो गया है. ई रिक्शा की वजह से भी पैसेंजर मिलने में काफी मुश्किल होती है. जहां वह पहले रोजाना करीब 700 से 800 रुपये तक कमा लेते थे. वहीं, अब केवल 400 से 500 रुपये तक ही कमा पाते हैं. इसकी वजह से घर का खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाता है. उनका कहना है कि यदि स्थिति जल्द ही ठीक नहीं हुई, तो उन्हें और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. उनके लिए परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल होगा.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी की मार ऑटो चालकों पर भी पड़ी है. पश्चिम विहार में ऑटो चालक लाइन लगाकर पैसेंजर के इंतजार में खड़े रहते हैं, लेकिन पैसेंजर की कमी उनके चेहरों पर उदासी बढ़ा रही है. ऐसे में कई घंटों तक वह खाली बैठे रहते हैं.

पश्चिम विहार में पैसेंजर की कमी

ऑटो खड़ा नहीं करने देती ट्रैफिक पुलिस
ईटीवी भारत की टीम से बातचीत करते हुए ऑटो चालकों ने बताया कि वह सुबह ही ऑटो लेकर निकल जाते हैं, लेकिन पैसेंजर न मिलने के कारण कई घंटों तक खाली बैठे रहते हैं. उन्हें अधिक परेशानी उस समय होती है, जब पुलिस द्वारा खड़ा नहीं होने दिया जाता और ऑटो का चालान कर दिया जाता है.


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ऑटो वालों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से काम बहुत डाउन हो गया है. ई रिक्शा की वजह से भी पैसेंजर मिलने में काफी मुश्किल होती है. जहां वह पहले रोजाना करीब 700 से 800 रुपये तक कमा लेते थे. वहीं, अब केवल 400 से 500 रुपये तक ही कमा पाते हैं. इसकी वजह से घर का खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाता है. उनका कहना है कि यदि स्थिति जल्द ही ठीक नहीं हुई, तो उन्हें और भी अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. उनके लिए परिवार का पालन-पोषण करना भी मुश्किल होगा.

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