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मायापुरी: DPCC और SDM पर गैर-कानूनी सीलिंग का आरोप - illegal notice

DPCC ने हाल ही में मायापुरी के व्यापारियों को एक-एक लाख रूपए का चालान भेजा था, जिसके बाद व्यापारियों ने मामले को हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया. व्यापारियों का कहना है कि DPCC ने बिना किसी सर्वे के निंदनीय कार्रवाई की है.

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Published : Jul 8, 2019, 6:44 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने मायापुरी के व्यापारियों को एक-एक लाख रूपये के चालान भेजे थे. व्यापारियों ने इसे 13 अप्रैल को हाईकोर्ट में चैलेंज किया था. फेडरेशन का कहना है की DPCC ने बिना किसी सर्वे के निंदनीय कार्रवाई की है.

फेडरेशन ने लगाया गैर-कानूनी सीलिंग का आरोप

फिलहाल कोर्ट ने डीपीसीसी के ऑर्डर पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने डीपीसीसी के ऑर्डर को रिव्यू में डालकर दोबारा जांच करने को कहा है.

जानें क्या था मामला
आरोप है कि पिछले महीने SDM और DPCC ने 122 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया था. जिसमें 61 लोगों के खिलाफ 2 लाख, 20 लोगों के खिलाफ 6 लाख, और 41 लोगों के खिलाफ 4 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया था.

जिन कारखानों में पॉल्यूशन के कंटेंट पाए गए, उन्हें सीलिंग के लिए आइडेंटिफाई कर दिया. जिसके बाद कुछ व्यापारियों ने मामले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया.

उन्होंने बताया की DPCC की पहले की कार्रवाई असंवैधानिक तरीके से की गई थी. व्यापारियों ने इसे हाईकोर्ट में चैलेंज भी किया था. जिसके बाद DPCC को मानना पड़ा कि ये ट्रेडर्स सीलिंग में नहीं आते. ट्रेडर्स पर लगाया गया फाइन गैर-कानूनी था. जिस पर उच्च न्यायलय ने रोक लगा दी थी. फेडरेशन का कहना है कि मायापुरी एक ऐसी इंडस्ट्रियल मार्किट है, जहां सभी नियमों को सही तरीके से व्यापारी फॉलो कर रहें हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने मायापुरी के व्यापारियों को एक-एक लाख रूपये के चालान भेजे थे. व्यापारियों ने इसे 13 अप्रैल को हाईकोर्ट में चैलेंज किया था. फेडरेशन का कहना है की DPCC ने बिना किसी सर्वे के निंदनीय कार्रवाई की है.

फेडरेशन ने लगाया गैर-कानूनी सीलिंग का आरोप

फिलहाल कोर्ट ने डीपीसीसी के ऑर्डर पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने डीपीसीसी के ऑर्डर को रिव्यू में डालकर दोबारा जांच करने को कहा है.

जानें क्या था मामला
आरोप है कि पिछले महीने SDM और DPCC ने 122 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया था. जिसमें 61 लोगों के खिलाफ 2 लाख, 20 लोगों के खिलाफ 6 लाख, और 41 लोगों के खिलाफ 4 लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया था.

जिन कारखानों में पॉल्यूशन के कंटेंट पाए गए, उन्हें सीलिंग के लिए आइडेंटिफाई कर दिया. जिसके बाद कुछ व्यापारियों ने मामले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया.

उन्होंने बताया की DPCC की पहले की कार्रवाई असंवैधानिक तरीके से की गई थी. व्यापारियों ने इसे हाईकोर्ट में चैलेंज भी किया था. जिसके बाद DPCC को मानना पड़ा कि ये ट्रेडर्स सीलिंग में नहीं आते. ट्रेडर्स पर लगाया गया फाइन गैर-कानूनी था. जिस पर उच्च न्यायलय ने रोक लगा दी थी. फेडरेशन का कहना है कि मायापुरी एक ऐसी इंडस्ट्रियल मार्किट है, जहां सभी नियमों को सही तरीके से व्यापारी फॉलो कर रहें हैं.

Intro:मायापुरी में सीलिंग को लेकर फेडरेशन के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने आरोप लगाया की पिछले 13 अप्रैल को एक कार्रवाई शरू की गई थी। जिसमें दिल्ली प्रदुषण कंट्रोल कमेटी की ओर से व्यपारियों को लाख-लाख रूपए के चलान भेजे गए थे. जिसे व्यपारियों ने 13 तारीख को हाई कोर्ट में चैलेंज किया था. उसकी 15 तारीख को सुनवाई भी हुई. फेडरेशन के कहना है की जिसमें पाया गया की DPCC ने निंदनीय कार्रवाई की, और बिना किसी सर्वे किये जो आर्डर DPCC ने दिए कोर्ट ने उन पर रोक लगा दी। और तीन चार तारीखों के बाद कोर्ट ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि ये गलत है और इसको रिव्यू में डाला जाए।




Body:आरोप है की पिछले महीने SDM और DPCC द्वारा 122 लोगो के खिलाफ एक नोटिस जारी किया, जिसमें 61 लोगो के खिलाफ 2 लाख रूपए जुर्माना, 20 लोगो के खिलाफ 6 लाख रूपए जुर्माना और 41 लोगो के खिलाफ 4 लाख रूपए फाइन और सीलिंग के लिए आइडेंटिफाई किया।जिसमे उनको पोल्लुशन के कंटेंट पाए गए। जिसमे उन्होंने 12 यूनिट पहले और 6 यूनिट बाद में सील भी किये। इसी चलते कुछ लोग अपना अपना पक्ष लेकर हाई कोर्ट गए, कि ये सीलिंग गलत हो रही है.
उन्होंने बताया की DPCC की पहले की कारवाई असंवैधानिक तरीके से की थी। और व्यपारियों ने इसे हाई कोर्ट में चैलेंज भी किया था, अंत में DPCC को मानना भी पड़ा की ट्रेडर्स सीलिंग में नहीं आते। ट्रेडर्स के ऊपर लगाया गया फाइन गैर क़ानूनी था, जिसकी रोक उच्च न्यायलय ने लगा दी थी. जब DPCC ने ये चलान लगाया था और 5 यूनिट डीसील हुए. फेडरेशन के कहना है की मायापूरी एक ऐसी इंडस्ट्रियल मार्किट है, जहाँ सभी नियमों को सही तरीके से व्यापारियों द्वारा फॉलो किया जाता है। Conclusion:व्यापारियों ने बताया कि 13 अप्रैल को DPCC और SDM द्वारा की गई करवाई बहुत निंदनीय थी.

बाईट---इंद्रजीत सिंह प्रेजिडेंट(फेडरेशन)
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