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दिल्ली: आवारा पशुओं की वजह से कभी भी हो सकता है हादसा - Civic Agencies

दिल्ली में आवारा पशुओं के कारण हर रोज हादसे होना नई बात नहींं है. लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार या एमसीडी इस पर कोई ठोस कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है.

Many accidents happen due to stray animals in Delhi
दिल्ली में आवारा पशुओं के कारण होते हैं हर रोज कई हादसे
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Published : Aug 11, 2020, 6:49 PM IST

नई दिल्ली: यूं तो जरा सी लापरवाही के चलते रोड पर एक्सीडेंट होना आम बात है, लेकिन अगर सावधानी बरती जाए तो शायद एक्सीडेंट होने से खुद को और दूसरों को बचाया जा सकता है. लेकिन बीच सड़क पर चलते ट्रैफिक के बीच अगर आवारा पशुओं का झुंड बैठा हो तो कैसे खुद बचाया जाए और इन बेजुबानों को कैसे बचाया जाए. ये हालत दिल्ली के विकासपुरी अयप्पा पार्क के सामने के हैं. सिविक एजेंसियां कितनी लापरवाह है कि देर रात सड़कों पर गायें घूम रहीं और बैठी हैं लेकिन इन्हें यहां से हटाने वाला कोई नही है.

दिल्ली में आवारा पशुओं के कारण होते हैं हर रोज कई हादसे

बता दें कि शायद ही दिल्ली का कोई इलाका हो जहां सड़कों पर गाय या बैल ना घूमते हो. जिसकी वजह से कई बार एक्सीडेंट भी हुए, कई जानें भी गई. लेकिन हादसों के बाद सभी राजनीति के लिए तो तैयार रहते हैं लेकिन कोई इसकी समाधान करने को तैयार नहीं है. इन गायों को लेकर एमसीडी, दिल्ली सरकार की लापरवाही बताती है तो दिल्ली सरकार एमसीडी की लापरवाही बता कर अपना पल्ला झाड़ लेती है.

'योजना है लेकिन जमीन पर नहीं'

बता दें कि एमसीडी भी पिछले कई सालों से ऐसे आवारा घूमने वाले गाय और दूसरे पशुओं को पकड़ने और उन्हें रखने की योजना पर काम कर रही है. लेकिन अब तक वो योजना कागजों में भी नहीं उत्तर पाई है. तो ये कहना मुश्किल है कि जमीन पर उतरने में अभी कितना वक्त लग सकता है. बता दें कि देर रात में कई गायें बीच सड़क पर बैठी रहती हैं. इस दौरान जिसकी नजर बची वो हादसे को शिकार हो सकता है. इस सब के बावजूद ना को कोई एजेंसी ना कोई जनप्रतिनिधि इसके लिए कुछ कर रहे हैं.

मालिकों पर जुर्माने की मांग

ऐसा नहीं है कि ये सभी गायें या बैल यूं ही घूमते हैं बल्कि इनमें से कइयों के मालिक भी हैं जो इन्हें बांधते तो हैं लेकिन बस उतनी देर के लिए जितनी देर में इनका दूध निकाल सकें और इसके बाद फिर यूं हीं घूमने के लिए छोड़ देते हैं. एजेंसी को ऐसे मालिकों को ढूंढकर उन पर जुर्माना किया जाय तो काफी हद तक ऐसी घूमने वाली गायों की संख्या में कमी आएगी.

नई दिल्ली: यूं तो जरा सी लापरवाही के चलते रोड पर एक्सीडेंट होना आम बात है, लेकिन अगर सावधानी बरती जाए तो शायद एक्सीडेंट होने से खुद को और दूसरों को बचाया जा सकता है. लेकिन बीच सड़क पर चलते ट्रैफिक के बीच अगर आवारा पशुओं का झुंड बैठा हो तो कैसे खुद बचाया जाए और इन बेजुबानों को कैसे बचाया जाए. ये हालत दिल्ली के विकासपुरी अयप्पा पार्क के सामने के हैं. सिविक एजेंसियां कितनी लापरवाह है कि देर रात सड़कों पर गायें घूम रहीं और बैठी हैं लेकिन इन्हें यहां से हटाने वाला कोई नही है.

दिल्ली में आवारा पशुओं के कारण होते हैं हर रोज कई हादसे

बता दें कि शायद ही दिल्ली का कोई इलाका हो जहां सड़कों पर गाय या बैल ना घूमते हो. जिसकी वजह से कई बार एक्सीडेंट भी हुए, कई जानें भी गई. लेकिन हादसों के बाद सभी राजनीति के लिए तो तैयार रहते हैं लेकिन कोई इसकी समाधान करने को तैयार नहीं है. इन गायों को लेकर एमसीडी, दिल्ली सरकार की लापरवाही बताती है तो दिल्ली सरकार एमसीडी की लापरवाही बता कर अपना पल्ला झाड़ लेती है.

'योजना है लेकिन जमीन पर नहीं'

बता दें कि एमसीडी भी पिछले कई सालों से ऐसे आवारा घूमने वाले गाय और दूसरे पशुओं को पकड़ने और उन्हें रखने की योजना पर काम कर रही है. लेकिन अब तक वो योजना कागजों में भी नहीं उत्तर पाई है. तो ये कहना मुश्किल है कि जमीन पर उतरने में अभी कितना वक्त लग सकता है. बता दें कि देर रात में कई गायें बीच सड़क पर बैठी रहती हैं. इस दौरान जिसकी नजर बची वो हादसे को शिकार हो सकता है. इस सब के बावजूद ना को कोई एजेंसी ना कोई जनप्रतिनिधि इसके लिए कुछ कर रहे हैं.

मालिकों पर जुर्माने की मांग

ऐसा नहीं है कि ये सभी गायें या बैल यूं ही घूमते हैं बल्कि इनमें से कइयों के मालिक भी हैं जो इन्हें बांधते तो हैं लेकिन बस उतनी देर के लिए जितनी देर में इनका दूध निकाल सकें और इसके बाद फिर यूं हीं घूमने के लिए छोड़ देते हैं. एजेंसी को ऐसे मालिकों को ढूंढकर उन पर जुर्माना किया जाय तो काफी हद तक ऐसी घूमने वाली गायों की संख्या में कमी आएगी.

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