नई दिल्ली: एक मई को पूरे विश्व में मजदूर दिवस मनाया जाता है. ये दिन काम करने वालों के सम्मान का दिन होता है. इस दिन कई ऑफिसों की छुट्टी होती तो हो कई जगह पार्टी और मीठे के साथ वर्कर्स-डे का सेलिब्रेशन किया जाता है.
लेबर-डे की शुरुआत काम के घंटों को 15 से 8 घंटे करवाना था. दरअसल, पहले कर्मचारियों से दिन में कुल 10 से 15 घंटे काम करवाया जाता था, लेकिन अमेरिका से लेकर भारत में मौजूद कई मजदूर संगठनों ने खून-पसीना बहाया और काम के घंटों में कमी कर 8 घंटे करवाया.
जानें क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस
लेबर डे की शुरूआत अमेरिका से हुई. 1886 को अमेरिका के शिकागो में लाखों मजदूरों ने इकट्ठा होकर हड़ताल की थी. मज़दूरों की मांग थी कि वो हर दिन 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं करेंगे.
इस हड़ताल के दौरान शिकागो में बम धमाका हो गया. प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने मजदूरों पर गोलियां चलाई और कई मजदूर मारे गए. शिकागो शहर में शहीद मजदूरों की याद में पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया. भारत में 1 मई 1923 से मजदूर दिवस की शुरूआत हुई.