नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में आए दिन किसी न किसी कारणों की वजह से सड़क हादसे होते ही रहते हैं, लेकिन उपनगरी द्वारका में सड़क हादसों को निमंत्रण देने के लिए वहां की ट्रैफिक लाइट सबसे मुख्य कारण बन गया है. द्वारका सेक्टर 22 और 23 की तरफ जाने वाले सबसे बड़े चौराहे पर ना तो ट्रैफिक लाइट जलती और ना ही डायरेक्शन स्लैब लगे हुए हैं.
आमतौर पर हम यह सुनते हैं कि सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों को ट्रैफिक लाइट का पालन करना चाहिए. जिससे कि अपनी और दूसरों की जिंदगी सुरक्षित रख सके. वहीं द्वारका नगरी में अगर कोई भी वाहन चालक ट्रैफिक लाइट के भरोसे चले, तो वह दूसरों के साथ-साथ अपनी जान भी जोखिम में डाल सकता है. क्योंकि द्वारका जिले की ज्यादातर ट्रैफिक लाइट या तो बंद पड़ी हुई है या फिर ठीक तरह से काम नहीं करती.
टूटे पड़े हैं डायरेक्शन स्लैब
इसके अलावा सड़कों पर लोगों को डायरेक्शन देने वाले डायरेक्शन स्लैब भी विभिन्न जगहों पर टूटे हुए हैं या फिर पूरी तरह से उखड़े हुए हैं. जिसके कारण वहां से जाने वाले लोगों को आगे का रास्ता जानने के लिए गाड़ी रोककर लोगों से पूछना पड़ता है. वहीं डायरेक्शन स्लैब टूट जाने के कारण कुछ दूर गलत रास्ते पर जाने के बाद यू-टर्न मार कर सीधे रास्ते पर आना पड़ता है.
नहीं दिया जा रहा है ध्यान
आपको बता दें कि यह समस्या द्वारका में बहुत ही आम और बड़ी है. इतनी बड़ी समस्या होने के बाद भी प्रशासन द्वारा इस पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन द्वारा इसको लेकर कोई भी एक्शन नहीं किया जा रहा है.