नई दिल्ली: कुछ समय पहले सुरहेड़ा गांव के बीचों-बीच लगे एमटीएनएल के टावर में आग लगने से हड़कंप मच गया था. टावर में आग लगने से ना सिर्फ टावर के आसपास बने घर के लोग सकते में आ गए थे बल्कि पूरा गांव चिंतित हो गया था. हालांकि फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर टावर में लगी आग को बुझा दिया था. जिसके बाद अब गांव वालों गांव से इस टावर को हटाने की मांग कर रहे हैं.
धू-धू कर जल रहा है टावर
इन तस्वीरों में भी आप देख सकते हैं कि किस तरह धू-धू कर जल रहे इस टावर से आग की भीषण लपटें उठ रही है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस टावर के नीचे एक जनरेटर और कम से कम 40 बैटरियां रखी हुई है. जिसके जरिए टावर में पावर सप्लाई होती है. ऐसे में अगर आग की लपटें इन बैटरियों तक पहुंच जाती तो यकीनन एक बड़ा विस्फोट होता जो कि पूरे गांव को काफी क्षति पहुंचा सकता था.
जान माल का नहीं हुआ कोई नुकसान
टावर के बगल वाले घर में रह रहे मिंत्रा ने बताया कि बिजली के तार से टावर में आग लगी, जिसके बाद धीरे-धीरे वह टावर में फैलती चली गई. गनीमत यही रही कि आग की लपटे ऊपर की तरफ गई, जिससे कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ.
बैट्री फटने से चपेट में आ सकता था मोहल्ला
गांव के निवासी राकेश कुमार का कहना कि एक खबर के अनुसार बैटरी रिक्शा की बैटरी फटने से चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए और एक बच्चे की मौत हो गई थी. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर टावर के नीचे रखी 40 बैटरी फटतीं तो पूरा मोहल्ला इसकी चपेट में आ जाता.ऐसे में वह चाहते हैं कि अब दोबारा से इस टावर को शुरू ना किया जाए और इसे पूरी तरह से बंद कर दिया जाए.
समय रहते फायर ब्रिगेड की टीम ने पाया आग पर काबू
गांव के निवासी रमेश कुमार ने बताया कि टावर में आग लगने से लोगों की जान जाने की भी संभावना थी. लेकिन समय रहते फायर ब्रिगेड की टीम ने उस आग को बुझाया और लोगों को होने वाले खतरे से बचा लिया.
सरकार को लेना चाहिए सख्त एक्शन
गौरतलब है कि अपने नेटवर्क को बेहतर बनाने और ग्राहकों को अच्छी सुविधा देने के लिए अब टेलीकॉम कंपनियां रेजिडेंशियल एरिया में भी अपने टावर लगा रही है. जिसके चलते लोगों को सबसे पहले टावर से निकलने वाली खतरनाक रेडिएशन का शिकार होना पड़ रहा है और उसके बाद ऐसी ही कोई अन्य घटना का भी. ऐसे में रेजिडेंशियल एरिया में टावर पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को ही कोई ठोस कदम उठाने चाहिए, जिससे कि कभी किसी को टावर से जान माल का खतरा ना हो.