नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की टीम ने 50,000 के इनामी वांटेड ठग को गिरफ्तार किया है. यह इंटर स्टेट वांटेड चीटर का पता लगाने के लिए पुलिस काफी समय से टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर छानबीन कर रही थी. लेकिन 5 साल से पुलिस को यह गच्चा दे रहा था और लगतार ठिकाना बदलकर रह रहा था. आखिरकार इसके बारे में एक सटीक सूचना मिली. उसी के आधार पर पुलिस टीम ने पुणे में छापामार करके इसे दबोच लिया.
पूछताछ में पता चला कि आरोपी 2012 में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी का डायरेक्टर था. काफी संख्या में लोगों से प्लॉट बुकिंग के लिए रेवाड़ी इलाके में पैसा लिया था. लेकिन कंपनी ने लोगों को प्लॉट नहीं दिया और ना पैसा लौटाया. जिन लोगों ने प्लॉट के लिए पैसा दिया था, उनका पैसा डूब गया. आखिरकार 2018 में आर्थिक अपराध शाखा में चिटिंग की शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके बाद से पुलिस इसकी तलाश कर रही थी. इसे स्पेशल सेल ने पुणे में गिरफ्तार करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर लेकर दिल्ली आ गई है. अब आगे की छानबीन ईओडब्ल्यू की टीम करेगी.
दिल्ली पुलिस ने वांटेड भगोड़े को पकड़ा: द्वारका जिला के जेल बेल सेल और बिंदापुर थाना की पुलिस टीम ने अलग-अलग मामलों में वांटेड 2 भगोड़ा को गिरफ्तार किया है. पुलिस काफी समय से इसकी तलाश कर रही थी. डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान हरियाणा के चरखी दादरी के रहने वाले संजय और दिल्ली के रिठाला के रहने वाले गजेंद्र रूप गोलू के रूप में हुई है. गोलू पर रोहिणी साउथ, जनकपुरी, उत्तम नगर और प्रेम नगर थाने में मामले दर्ज हैं.
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पुलिस के अनुसार संजय को द्वारका कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर रखा था. यह हरियाणा के जीतपूरा गांव में छुपा हुआ था. सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने वहां पर छापा मारकर इसे पकड़ा. जबकि दूसरे मामले में रिठाला के रहने वाले गजेंद्र उर्फ़ गोलू को पुलिस टीम ने ट्रैप लगाकर गिरफ्तार किया. इसे भी द्वारका कोर्ट ने नजफगढ़ में दर्ज एक मामले में भगोड़ा घोषित किया था. फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
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