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बंदर की मौत के बाद लोगों ने विधि-विधान से किया उसका अंतिम संस्कार, लंगर का आयोजन - लंगर का आयोजन

दिल्ली के द्वारका इलाके में लोगों ने एक बंदर की मौत के बाद सम्मानपूर्वक उसे दफना कर हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ उसका श्राद्ध-कर्म (Shradh ceremony after death of monkey in Dwarka) किया और सत्रहवीं पूजा और हवन के बाद एक बड़े लंगर का भी आयोजन किया.

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Published : Nov 10, 2022, 6:17 PM IST

नई दिल्लीः इंसान की मौत होने पर अंतिम संस्कार के बाद उनका श्राद्ध-कर्म किया जाता है. लेकिन किसी जानवर की मौत होने पर अगर ऐसा हो, तो ये अचंभित करने वाला है. लेकिन द्वारका इलाके में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है. दिल्ली के द्वारका इलाके में लोगों ने एक बंदर की मौत के बाद सम्मानपूर्वक हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ उसका श्राद्ध-कर्म (Shradh ceremony after death of monkey in Dwarka) किया. इस दौरान 17वीं की पूजा और हवन के बाद एक बड़े लंगर का भी आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण किया.

द्वारका सेक्टर 16 इलाके में 24 अक्टूबर को एक बंदर की मौत हो गई. चूंकि लोग बंदरों को बजरंगबली का रूप मानते हैं, इसलिए उसे दफनाने से पहले उसके सिर पर लाल कपड़ा बांधा गया और फिर उसे दफन कर उस पर मिट्टी डाली गई. दरअसल, 24 अक्टूबर को दिवाली की रात सेक्टर 16 के जल बोर्ड के पंप हाउस के पास एक पेड़ पर बंदर का मृत शरीर पड़ा मिला. इसके बाद द्वारका के प्रधान और दिल्ली जल बोर्ड के कर्मियों ने बंदर को बजरंगबली का रूप मानते हुए विधिपूर्वक उसका श्राद्ध-कर्म करने का निर्णय लिया.

द्वारका में बंदर की मौत के बाद श्राद्ध कर्म

ये भी पढ़ेंः महंगाई में विदेशी सामान का विरोध गायब, राजनीतिक दलों ने लिया चीनी टोपियों का सहारा, प्रचार से खादी नदारद

बंदर के शरीर को जमीन में दफन करने के बाद इंसानों की तरह बंदर का श्राद्ध-कर्म किया गया. स्थानीय लोगों और जल बोर्ड के कर्मियों ने बुधवार को श्राद्ध-कर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार 17वीं का हवन-पूजा कर लंगर का आयोजन किया. पूरे इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है.

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नई दिल्लीः इंसान की मौत होने पर अंतिम संस्कार के बाद उनका श्राद्ध-कर्म किया जाता है. लेकिन किसी जानवर की मौत होने पर अगर ऐसा हो, तो ये अचंभित करने वाला है. लेकिन द्वारका इलाके में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है. दिल्ली के द्वारका इलाके में लोगों ने एक बंदर की मौत के बाद सम्मानपूर्वक हिन्दू रीति-रिवाजों के साथ उसका श्राद्ध-कर्म (Shradh ceremony after death of monkey in Dwarka) किया. इस दौरान 17वीं की पूजा और हवन के बाद एक बड़े लंगर का भी आयोजन किया गया. जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद के रूप में इसे ग्रहण किया.

द्वारका सेक्टर 16 इलाके में 24 अक्टूबर को एक बंदर की मौत हो गई. चूंकि लोग बंदरों को बजरंगबली का रूप मानते हैं, इसलिए उसे दफनाने से पहले उसके सिर पर लाल कपड़ा बांधा गया और फिर उसे दफन कर उस पर मिट्टी डाली गई. दरअसल, 24 अक्टूबर को दिवाली की रात सेक्टर 16 के जल बोर्ड के पंप हाउस के पास एक पेड़ पर बंदर का मृत शरीर पड़ा मिला. इसके बाद द्वारका के प्रधान और दिल्ली जल बोर्ड के कर्मियों ने बंदर को बजरंगबली का रूप मानते हुए विधिपूर्वक उसका श्राद्ध-कर्म करने का निर्णय लिया.

द्वारका में बंदर की मौत के बाद श्राद्ध कर्म

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बंदर के शरीर को जमीन में दफन करने के बाद इंसानों की तरह बंदर का श्राद्ध-कर्म किया गया. स्थानीय लोगों और जल बोर्ड के कर्मियों ने बुधवार को श्राद्ध-कर्म के रीति-रिवाजों के अनुसार 17वीं का हवन-पूजा कर लंगर का आयोजन किया. पूरे इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है.

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