नई दिल्ली: गौतम गंभीर और आतिशी के मामले पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. वार-पलटवार के बीच आम आदमी पार्टी की पूर्व नेता और बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष शाजिया इल्मी ने अरविंद केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला है.
शाजिया इल्मी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने साफ कहा कि जब आम आदमी पार्टी की टिकट से मैंने चुनाव लड़ा था तब भी पार्टी ने ऐसे ही प्रचार के हथकंडे अपनाए थे.
शाजिया ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी गौतम गंभीर पर बिना किसी सबूत के आरोप लगाए गए हैं. ये आरोप बिना आधार और तथ्य के हैं, जो सिर्फ और सिर्फ हवाबाजी है, जिसमें आम आदमी पार्टी को महारथ हासिल है.
शाजिया ने उठाए ये सवाल
शाजिया इल्मी ने कहा कि मनीष सिसोदिया और आतिशी का कहना है कि पर्चे सुबह बांटे गए थे, तो दोपहर दो बजे तक मामला किसी के संज्ञान में क्यों नहीं आया? प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए ही वो क्यों चर्चा में आया? 'आप' प्रत्याशी आतिशी उसे लेकर पुलिस स्टेशन क्यों नहीं गई? उसकी शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई? इसकी जांच हो. किस आधार पर उन्होंने गौतम गंभीर पर ही सीधा निशाना साधा. इन सभी बातों को सोशल मीडिया पर फैलाने से क्यों नहीं रोका? आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से इसे अभी भी प्रमोट किया जा रहा है.
प्रशांत भूषण के खिलाफ भी लिखा पत्र
शाजिया इल्मी से पूछा गया कि हो सकता है आतिशी इन सब बातों से अनभिज्ञ हो? इस सवाल पर शाजिया ने कहा कि उनकी खुद की राजनीति आम आदमी पार्टी से शुरू हुई और वो भुक्तभोगी रही हैं. वे भी इस तरह के षडयंत्र का हिस्सा रही हैं. प्रशांत भूषण के खिलाफ एक बार प्रोपेगेंडा शुरू किया गया था तो आतिशी उस में मुख्य भूमिका में थीं. आतिशी ने ही प्रशांत भूषण के खिलाफ एक पत्र लिखा था.
शाजिया कहती हैं कि आतिशी को लेकर संसदीय क्षेत्र में जाति-धर्म का कार्ड नहीं चला. उनके क्रिश्चियन, बनिया, राजपूत, तिलक लगाने आदि की बातें लोगों के पल्ले में नहीं पड़ी, लोगों ने उसे तवज्जो नहीं दिया, तो भाजपा और गौतम गंभीर को बदनाम करने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत ये दुष्प्रचार किया गया.
'गौतम गंभीर जीतेंगे चुनाव'
शाजिया ने कहा कि गुरुवार को पर्चा सामने आने के बाद आतिशी ने जिस तरह गौतम गंभीर पर इल्जाम लगा दिया, इससे साफ पता चलता है कि यह पहले से सब कुछ तय किया हुआ था. आतिशी द्वारा लगाए गए आरोपों और उसके बाद गौतम गंभीर द्वारा मानहानि का नोटिस फिर आतिशी द्वारा महिला आयोग में शिकायत, इन सब का मतदान में कितना फायदा मिलेगा? यह पूछे जाने पर शाजिया इल्मी ने कहा कि चुनाव में इस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला. गौतम गंभीर चुनाव जीतेंगे. हां! इस घटना से कन्हैया, उमर खालिद जैसे लोग 'आप' के साथ खड़े होंगे. अफजल गुरु के मामले में जो दया याचिका लिखने वाले लोग हैं वे उनके हमदर्द बनेंगे. आम मतदाताओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला.
'गंभीर के नाम पर सहानुभूति बटोरना बेकार'
शाजिया ने कहा कि गौतम गंभीर को बदनाम करके और अपने ऊपर लगे आरोपों के जरिए सहानुभूति बटोरने की जो कोशिश की गई, ये बेकार हो गई. गौतम गंभीर के साथ देश नहीं दुनिया भर से लोग साथ खड़े हैं. जिस तरह लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, इनसे चुनाव से पहले ही उनकी जीत सुनिश्चित हो गई है. गौतम गंभीर ने जो स्टैंड लिया है कि आरोप अगर सच साबित हो जाता है तो वे राजनीति छोड़ देंगे, शाज़िया कहती हैं इस तरह का स्टैंड आतिशी भी लेकर दिखाएं.
'मेरे बारे में भी पर्चे बंटवाए जाते थे'
आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्य रहीं शाजिया इल्मी से जब ये पूछा गया कि वो भी आप की टिकट से चुनाव लड़ी हैं, क्या उनके खिलाफ में पार्टी ने प्रचार के लिए इस तरह का षड्यंत्र किया था? तो वो खुलकर कहती हैं कि जब नगर निगम के चुनाव हुए थे, तो उनके खिलाफ भी इसी तरह के पर्चे बनवाए गए थे. सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का कैंपेन चलाया गया था, उनके खिलाफ पेम्पलेट बनवाए गए थे. उसमें भी ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल किया गया था. जैसे ही उन्होंने साइबर सिक्योरिटी सेल में इसकी कंप्लेंट की टि्वटर आदि से सारे पोस्ट हटा लिए गए. गाजियाबाद में जब चुनाव लड़ा था, तो ऐसी भद्दी बातें लिखे हुए पर्चे बंटवाये जाते थे और जब मैं पता करती थी कि कौन है? तो पता चलता था आम आदमी पार्टी के ही वे कार्यकर्ता हैं.
'AAP ने सुर्खियों के लिए पारिवारिक मुद्दा उछाला'
वहीं वर्ष 2013 में दिल्ली विधानसभा के चुनाव में शाजिया दिल्ली के आरके पुरम से प्रत्याशी खड़ी हुई थीं. तब उन्हें सुर्खियों में रखने के लिए उनके पारिवारिक मुद्दे को उछाला गया, जिसकी पहले उन्हें जानकारी नहीं थी. शाजिया ने बताया कि पार्टी के एक शख्स ने भाई को ही हथियार बनाकर इस्तेमाल किया. जिस शख्स को आम आदमी पार्टी ने हथियार बनाया था, शाजिया के पार्टी छोड़ने के बाद उसे नगर निगम के चुनाव में टिकट देकर आम आदमी पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था.
'मैं पार्टी में भी तीखे सवाल करती थी'
बकौल शाज़िया वर्ष 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में जो पहले टिकट का ऐलान किया गया था, उसमें मनीष सिसोदिया और मेरा नाम था. तब सिसोदिया जी को लगा कि कहीं मैं ज्यादा फेमस ना हो जाऊं, मैं पार्टी में भी तीखे सवाल करती थी. मुझे डाउन करने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान मेरे खिलाफ पार्टी के लोगों द्वारा ही कैंपेन चलाया गया. उन्होंने कहा कि ये है आम आदमी पार्टी के प्रचार करने का तरीका.