नई दिल्ली: साइबर थाना पुलिस ने मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर हाईफाई एनआरआई बताकर भारतीय लड़कियों को ठगने वाले दो विदेशी ठगों को गिरफ्तार किया है. यह ठग लड़कियों से पहले वेबसाइट के जरिए संपर्क करते, फिर उनसे व्हाट्सएप पर बातचीत कर, महंगे गिफ्ट को छुड़वाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ लेते थे.
जांच में पता चला है कि दोनों ने पिछले करीब चार साल में 700 से ज्यादा लड़कियों को ठगा है. आरोपियों की पहचान निलोठी एक्सटेंशन, निहाल विहार के रहने वाले चीफ मंडे और इग्वेम्मा जेम्सएस ओ चेडोगी के रूप में हुई है. डीसीपी आउटर हरेंद्र सिंह ने बताया कि रानी बाग में रहने वाली एक लड़की ने साइबर थाना को ठगी की शिकायत की थी.
महंगे गिफ्ट भेजने के नाम पर की ठगी: पीड़ित ने बताया था कि उसने मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर अपना बायोडाटा रजिस्टर्ड करवाया था. कुछ दिन बाद वह एक अहमद नफीस नाम के यूजर्स से ऑनलाइन मिली थी. उसने अपने आपको एनआरआई डॉक्टर बताया. दोस्ती हुई और व्हाट्सएप पर बातचीत करने लगी. अहमद ने खुद को कैलिफोर्निया, यूएसए का रहने वाला बताया. उसने कुछ फोटो भी शेयर किया. एक दिन बोला कि एक महंगा गिफ्ट भेज रहा हूं, रिसीव कर लेना.
उसके बाद लड़की के पास एक महिला कॉलर रिया मेहता के नाम से फोन आया, जिसने खुद को कस्टम विभाग से बताया. पीड़ित ने बताया कि गिफ्ट पार्सल के लिए कस्टम ड्यूटी और दूसरे टैक्स के नाम पर उससे 2 लाख 40 हजार रुपए कई बार में धोखाधड़ी की. उसके बाद अहमद ने अपना प्रोफाइल भी वेबसाइट से हटा लिया. जब पीड़ित लड़की ने अहमद को फोन किया तो वह बंद था. इसके बाद पीड़ित लड़की ने पुलिस में शिकायत की और एफआईआर दर्ज कराई.
पुलिस ने जांच की तो खुला राजः आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने छानबीन शुरू की. शिकायतकर्ता से आरोपी की वेबसाइट, व्हाट्सएप और जिस अकाउंट में अमाउंट ट्रांसफर किया गया था उसकी जानकारी ली गई. फोन डिटेल की लोकेशन पर काम करते हुए पुलिस को लोकेशन निहाल विहार इलाके की आई. पुलिस टीम ने छापेमारी कर दोनों नाइजीरियनों को गिरफ्तार कर लिया.
ऐसे करते थे ठगी: पुलिस ने बताया कि आरोपी शादी डॉट कॉम, भारत मैट्रिमोनियल, जीवनसाथी, डिवोरसी आदि मैट्रिमोनियल साइट पर अपना बायोडाटा अपलोड करते हैं. यह खुद को डॉक्टर, पायलट और प्रोफेसर बताकर अमीर दिखाते हैं. इसके बाद यह लड़कियों का बायोडाटा देखकर उनसे संपर्क करते और व्हाट्सएप चैटिंग करते थे. आरोपी थोड़ी देर चैट करने के बाद और नकली प्रोफाइल चित्रों को साझा कर बताते कि वह महंगा गिफ्ट लेकर भारत आ रहा है. बाद में फोन करते कि वह एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है. महंगा गिफ्ट पर कुछ कस्टम डयूटी लगी है, उसको छुड़वाना है, इसलिये वह आकर पैसे दे देगा.
उसी वक्त महिला से आरोपी फोन करवाते. महिला खुद को कस्टम अधिकारी बताती और गिफ्ट छुड़वाने के नाम पर लाखों रुपये खाते में जमा करवा लेती थी. पैसे आने के बाद महिला फोन बंद कर देती और आरोपी भी वेबसाइट से अपना प्रोफाइल हटा दिया करता था. आरोपियों के बरामद फोन की जांच करने पर पता चला कि 2018 से ठगी का धंधा शुरू किया. आरोपियों ने ठगी के पैसों से ही नाइजीरिया में जमीन भी खरीदी है.
वीजा खत्म होने के बावजूद भारत में रह रहे थे: आरोपियों से पूछताछ करने पर पुलिस को पता चला कि दोनों का वीजा काफी समय पहले खत्म हो गया है. दोनों ने पकड़े जाने के डर से अपना पासपोर्ट भी खत्म कर दिया था. 2018 में दोनों आरोपी भारत आए थे. वीजा खत्म होने के बावजूद दोनों भारत में रह रहे थे. वारदात में नॉनसो और उसकी पत्नी भी इस अपराध में शामिल हैं, क्योंकि नॉनसो के सहयोगियों के बैंक खातों में पैसा जमा होता है, जो अपना कमीशन लेकर एक महिला (उसकी पत्नी या अन्य) की व्यवस्था करने के लिए कमीशन लेकर उसे देता है. पुलिस टीम नॉनसो और उसकी पत्नी सैमसन एस के ठिकानों की भी पहचान कर उनको पकड़ने की कोशिश कर रही है.
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