नई दिल्ली: कोरोना वायरस में लॉकडाउन के दौरान देश में हर एनजीओ संस्था देशसेवा करने के लिए आगे आई है. लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो जाने से युवाओं के सामने परेशानी आ खड़ी हुईं. उसका फायदा कुशल भारत एनजीओ ने युवाओं के भर्ती निकाली और सिक्योरिटी के नाम पर 1500 रुपये प्रति व्यक्ति से जमा कराए गए थे.
वहीं यह संस्था 1200 व्यक्तियों की सैलेरी के साथ ही सिक्योरिटी के पैसे लेकर फरार हो गया. पीड़ित लोगों ने सागरपुर थाने में लिखित शिकायत दी है. पीड़ित लोगों का आरोप है कि पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही है.
सैनिटाइजेशन करवाने के लिए लड़कों की भर्ती निकाली
कुशल भारत एनजीओ में काम करने वाले पीड़ित व्यक्तियों ने सागरपुर थाने में कुशल भारत एनजीओ चलाने वाले वीरेंद्र सिंह के नाम लिखित शिकायत दी है. ठगी के शिकार सतवीर सिंह और हजारी लाल पीड़ितों ने बताया कि सागरपुर दशरथपुरी इलाके में कुशल भारत एनजीओ ने सैनिटाइजेशन करवाने के लिए लड़कों की भर्ती निकाली. देश में कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन में फैक्ट्री बंद होने के कारण उन लोगों का काम बंद हो गया था. इसलिए उन्होंने एनजीओं में काम शुरू कर दिया.
लोगों से करवाया सैनिटाइजेशन
एनजीओ ने प्रति व्यक्ति से 1500 रुपये सिक्योरिटी के नाम पर जमा कराए थे. साथ ही 13000 सैलेरी देने के लिए कहा गया था. इन लोगों का कहना है कि 2 महीने मौत से टक्कर लेते हुए पूरे इलाके में घर, मार्किट, सड़क को सैनिटाइज करने का काम करते रहे. लेकिन जब सैलेरी देने का टाइम आया तो एनजीओ ऑफिस बंद कर लोगों से ठगी करके भाग गया. उनके साथ ठगी हुई है. उन्होंने एनजीओ के खिलाफ शिकायत सागरपुर थाने में दे दी है.
ठगी के शिकार हुए लोगों से मिले पार्षद के पति विनय चौहान
डाबड़ी वार्ड से पार्षद के पति और बीजेपी नेता विनय चौहान कुशल भारत एनजीओ से ठगी के शिकार हुए लोगों से मिले. विनय चौहान ने ईटीवी भारत को बताया कि ठगी के शिकायतकर्ताओं ने बताया कि लॉकडाउन में कुशल भारत एनजीओ ने नौकरी की भर्ती निकाली. युवा लॉकडाउन के चलते नौकरी लेने के लिए पहुंच गए.
एनजीओ चलाने वाले वीरेंद्र कुमार ने 1500 रुपये प्रति व्यक्ति से जमा करवा लिए. एनजीओ पर 1200 शिकायतकर्ता लोग पीड़ित हैं. सागरपुर थाने में लिखित शिकायत दे दी गई है. इस केस पुलिस को सुनवाई करनी चाहिए. लॉकडाउन में युवा ठगी के शिकार गए है. उनका कहना है कि वो इस गंभीर मामले को लेकर डीसीपी से मिलेंगे.