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दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के खेतों में लहलहाए सरसों और गेहूं के फसल, किसानों के चेहरे खिले

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Published : Dec 19, 2022, 7:05 PM IST

दिल्ली और हरियाणा के सीमावर्ती गांवों में इस साल सरसों और गेहूं की अच्छी पैदावार हुई है. इस कारण स्थानीय किसानों के चेहरे पर खुशी झलक रही है. किसानों का कहना है कि अच्छी पैदावार होने से वह फसलों को उचित दाम पर बेच सकेंगे और इससे उनका कर्जा भी खत्म हो जाएगा. (Good harvest of mustard and wheat due to favorable rains)

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स्थानीय किसान ने अच्छी पैदावार को लेकर खुशी जाहिर की.

नई दिल्लीः दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के बीच के गांव के खेतों में सरसों और गेहूं की फसलें लहलहा रही है और हर तरफ हरियाली नजर आ रही है, जिससे किसानों के चहरे भी खिले हुए नजर आ रहे हैं. जबकि पिछले साल गांव के खेतों में लगी सरसों, गेहूं और गोभी की फसल पानी में डूबने की वजह से बर्बाद हो गयी थी और इस कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन अब गांव के किसानों ने हार नहीं मानी और एक बार फिर हिम्मत करके सरसों और गेहूं की फसलें लगाई थी, जो इस साल उपयुक्त मौसम की वजह से अच्छी तरह से विकसित हो पाई है और इस बार उनकी पैदावार भी काफी बढ़िया हुई है. (Good harvest of mustard and wheat due to favorable rains)

एक साल पहले इसी महीने में बेमौसम लगातार हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया था, जिससे उनके चेहरे पर मायूसी तो थी ही, साथ ही उन पर कर्ज भी हो गया था. लेकिन इस बार हमारे अन्नदाताओं ने फिर से हिम्मत जुटा कर खेतों में गोभी, गेहूं और सरसों की फसल लगाई थी, जो इस साल उपयुक्त मौसम की वजह से अच्छी तरह से फल-फूल रही है. इसे देख कर किसानों के चेहरे पर खुशी के साथ इस बात का भी सुकून है कि एक तरफ जहां इस बार उनकी मेहनत सफल हो गयी, वहीं उन्हें उम्मीद है कि वो पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई कर पाएंगे.

ये भी पढ़ेंः दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए केजरीवाल जिम्मेदार, उपराज्यपाल हस्तक्षेप कर बुलाएं सर्वदलीय बैठकः बिधूड़ी

एक स्थानीय किसान ने बताया कि उन्होंने 10 किल्ले में विभिन्न प्रकार की फसलें लगाई थी. पिछले साल तो इनकी सारी फसलें बर्बाद हो गयी थी, लेकिन इस बार खेतों में लगाये फसलों की बढ़िया पैदावार हुई है. इस कारण वह इसे बेचकर अच्छी आमदनी हासिल कर पाएंगे और इससे पहले लिए गए कर्ज भी चुका पाएंगे.

स्थानीय किसान ने अच्छी पैदावार को लेकर खुशी जाहिर की.

नई दिल्लीः दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर के बीच के गांव के खेतों में सरसों और गेहूं की फसलें लहलहा रही है और हर तरफ हरियाली नजर आ रही है, जिससे किसानों के चहरे भी खिले हुए नजर आ रहे हैं. जबकि पिछले साल गांव के खेतों में लगी सरसों, गेहूं और गोभी की फसल पानी में डूबने की वजह से बर्बाद हो गयी थी और इस कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन अब गांव के किसानों ने हार नहीं मानी और एक बार फिर हिम्मत करके सरसों और गेहूं की फसलें लगाई थी, जो इस साल उपयुक्त मौसम की वजह से अच्छी तरह से विकसित हो पाई है और इस बार उनकी पैदावार भी काफी बढ़िया हुई है. (Good harvest of mustard and wheat due to favorable rains)

एक साल पहले इसी महीने में बेमौसम लगातार हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया था, जिससे उनके चेहरे पर मायूसी तो थी ही, साथ ही उन पर कर्ज भी हो गया था. लेकिन इस बार हमारे अन्नदाताओं ने फिर से हिम्मत जुटा कर खेतों में गोभी, गेहूं और सरसों की फसल लगाई थी, जो इस साल उपयुक्त मौसम की वजह से अच्छी तरह से फल-फूल रही है. इसे देख कर किसानों के चेहरे पर खुशी के साथ इस बात का भी सुकून है कि एक तरफ जहां इस बार उनकी मेहनत सफल हो गयी, वहीं उन्हें उम्मीद है कि वो पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई कर पाएंगे.

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एक स्थानीय किसान ने बताया कि उन्होंने 10 किल्ले में विभिन्न प्रकार की फसलें लगाई थी. पिछले साल तो इनकी सारी फसलें बर्बाद हो गयी थी, लेकिन इस बार खेतों में लगाये फसलों की बढ़िया पैदावार हुई है. इस कारण वह इसे बेचकर अच्छी आमदनी हासिल कर पाएंगे और इससे पहले लिए गए कर्ज भी चुका पाएंगे.

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