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सनसनीखेज मर्डर करने वाला किशोर का मकसद इलाके में दहशत फैलाना, 100 रुपए के लिए पिछली साल किया था एक और मर्डर

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 24, 2023, 10:58 PM IST

motive of murder was to spread terror in area: 350 रुपए के लिए नाबालिग की हत्या करने वाले किशोर ने इलाके में दहशत फैलाने की नीयत से इतनी क्रूरता से नाबालिग की हत्या की. पिछले साल उसने 100 रुपए के लिए एक युवक की हत्या की थी.

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नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी में नाबालिग की हत्या करने वाला आरोपी किशोर के बारे में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है. पुलिस को पता चला कि आरोपी पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है. आरोपी उत्तर पूर्वी दिल्ली के हशीम बाबा गैंग से प्रभावित है और इलाके में दहशत फैलाना चाहता था. आरोपी ने कोर्ट परिसर के अंदर चाकू और अन्य हथियार के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो शेयर किया था. वीडियो का कैप्शन दिया है..भाई है..अपना जेल में..302 में अंदर.

जानें क्या था मामला: वेलकम की जनता मजदूर कॉलोनी में नाबालिग की हत्या के बाद वीरवार को वारदात का दिल दहला देने वाला सीसीटीवी फुटेज जिसने भी देखा वह सकते में आ गया. किशोर ने नाबालिग पर करीब 70 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया. उसने नाबालिग के गर्दन और कान पर कई बार चाकू मारा. यहां तक कि उसने उसके कान में चाकू घोंपने के बाद घुमा दिया.

पुलिस के अनुसार, इस बार नाबालिग की हत्या के पीछे कारण मात्र 350 रुपये था. आरोपी ने मार्च 2022 में भरत नामक युवक की महज 100 रुपए लूटने के लिए अपने तीन साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी. उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था. वहां से वापस आने के बाद उसने दो झपटमारी और एक लूट की वारदात को अंजाम दिया. लूटपाट के मामले में उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था. जहां से वह पिछले महीने ही बाहर आया था.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में 350 रुपये के लिए 18 साल के लड़के की हत्या, नाबालिग निकला आरोपी

अपराध के मद्देनज़र सजा का प्रावधान: कड़कड़डूमा कोर्ट के एडवोकेट मनीष भदौरिया ने बताया कि अब 16 से 18 साल के बच्चे की उम्र देखकर नहीं बल्कि अपराध के मद्देनजर सजा का प्रावधान किया जा चुका है. पहले किशोर कोई अपराध करता तो उसे ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक की सजा देने का प्रावधान रखा गया था, लेकिन अब जस्टिस जुवेनाइल एक्ट 2015 में संशोधन हो चुका है.

नाबालिग अपराधी को उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकेगी. जघन्य अपराधों में शामिल 16 से 18 साल के बच्चे पर व्यस्क कि तरह कि केस चलेगा. जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड अपराध कि प्रवृति, मानसिक, शारीरिक सहित अन्य हालातों को देखकर फैसला लेगा कि 16 से 18 साल के बच्चे पर व्यस्क कि तरह कि केस चलेगा कि नहीं. जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड के फैसले के बाद ट्रायल शुरू की जाएगी, जिसमें आजीवन कारावास तक कि सजा मिल सकती है.

ये भी पढ़ें: कई ब्रांडेड कंपनियों की बनाई जा रही थी नकली घी, छापेमारी कर पुलिस ने जब्त किए पैकेट्स और रॉ मैटेरियल

नई दिल्ली: नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के वेलकम इलाके की जनता कॉलोनी में नाबालिग की हत्या करने वाला आरोपी किशोर के बारे में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है. पुलिस को पता चला कि आरोपी पहले से ही आपराधिक प्रवृत्ति का है. आरोपी उत्तर पूर्वी दिल्ली के हशीम बाबा गैंग से प्रभावित है और इलाके में दहशत फैलाना चाहता था. आरोपी ने कोर्ट परिसर के अंदर चाकू और अन्य हथियार के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो शेयर किया था. वीडियो का कैप्शन दिया है..भाई है..अपना जेल में..302 में अंदर.

जानें क्या था मामला: वेलकम की जनता मजदूर कॉलोनी में नाबालिग की हत्या के बाद वीरवार को वारदात का दिल दहला देने वाला सीसीटीवी फुटेज जिसने भी देखा वह सकते में आ गया. किशोर ने नाबालिग पर करीब 70 से ज्यादा बार चाकू से हमला किया. उसने नाबालिग के गर्दन और कान पर कई बार चाकू मारा. यहां तक कि उसने उसके कान में चाकू घोंपने के बाद घुमा दिया.

पुलिस के अनुसार, इस बार नाबालिग की हत्या के पीछे कारण मात्र 350 रुपये था. आरोपी ने मार्च 2022 में भरत नामक युवक की महज 100 रुपए लूटने के लिए अपने तीन साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी. उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया था. वहां से वापस आने के बाद उसने दो झपटमारी और एक लूट की वारदात को अंजाम दिया. लूटपाट के मामले में उसे बाल सुधार गृह भेजा गया था. जहां से वह पिछले महीने ही बाहर आया था.

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अपराध के मद्देनज़र सजा का प्रावधान: कड़कड़डूमा कोर्ट के एडवोकेट मनीष भदौरिया ने बताया कि अब 16 से 18 साल के बच्चे की उम्र देखकर नहीं बल्कि अपराध के मद्देनजर सजा का प्रावधान किया जा चुका है. पहले किशोर कोई अपराध करता तो उसे ज्यादा से ज्यादा तीन साल तक की सजा देने का प्रावधान रखा गया था, लेकिन अब जस्टिस जुवेनाइल एक्ट 2015 में संशोधन हो चुका है.

नाबालिग अपराधी को उम्रकैद तक की सजा सुनाई जा सकेगी. जघन्य अपराधों में शामिल 16 से 18 साल के बच्चे पर व्यस्क कि तरह कि केस चलेगा. जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड अपराध कि प्रवृति, मानसिक, शारीरिक सहित अन्य हालातों को देखकर फैसला लेगा कि 16 से 18 साल के बच्चे पर व्यस्क कि तरह कि केस चलेगा कि नहीं. जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड के फैसले के बाद ट्रायल शुरू की जाएगी, जिसमें आजीवन कारावास तक कि सजा मिल सकती है.

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