नई दिल्ली: कोरोना संकट का असर इस बार हर एक त्योहार के रंग को फीका कर रहा है. ऐसा ही एक त्योहार नवरात्र हैं जिसमें लोग हर साल डांडिया-गरबा खेल कपर मनाते थे और 9 दिन माता की पूजा करत थे. हर साल द्वारका के डाबड़ी इलाके में गुजरात कच्छ कड़वा पाटीदार समाज धूमधाम से डांडिया के साथ पूजा का आयोजन करता था. इस बार कड़वा पाटीदार समाज ने आयोजन किया है, लेकिन इस बार फैसला लिया गया है कि ड्रॉ कूपन से एक परिवार से 2 व्यक्ति और 25 लोग पूजा-आरती में शामिल होंगे.
एक घंटे तक चलेगी पूजा
कच्छ कड़वा पाटीदार समाज के अरविंद पटेल और जेठा भाई पटेल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि कोविड-19 की गाइडलाइंस को पालन करते हुए कच्छ कड़वा पाटीदार समाज ने इस साल नवरात्र में फैसला लिया है कि ड्रॉ कूपन से एक परिवार से 2 व्यक्ति और 25 लोग पूजा-आरती में शामिल होंगे. अगले दिन दूसरे परिवार का नंबर आएगा. पूजा एक घंटे तक चलेगी. इस बार डांडिया-गरबा नहीं खेलने का फैसला लिया है.
डांडिया-गरबा नहीं खेलने का लिया फैसला
गुजरात कच्छ कड़वा पाटीदार समाज द्वारा हर साल शादीशुदा जोड़ों के लिए डांडिया-गरबा खेलने का आयोजन करते थे. समाज की वैष्णवी पटेल और रितु पटेल ने ईटीवी भारत को बताया कि उन्होंने माता से प्रार्थना की है कि देश को जल्द ही कोरोना से मुक्त कर दें. डांडिया गरबा खेलना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन इस बार कोरोना के नियमों का पालन करते हुए डांडिया गरबा ना खेलने का पटेल समाज ने फैसला लिया.