नई दिल्ली: साल 1944 में मुंबई डॉकयार्ड अग्निकांड में अपनी जान न्योछावर करने वाले 71 जांबाज फायरकर्मियों की शहादत की याद में फायर सप्ताह की शुरूआत की गई है. यह कार्यक्रम 21 अप्रैल तक चलेगा. हर साल दिल्ली फायर सर्विस सप्ताह के रूप में मनाया है. इस अवसर पर जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली के हर इलाके में डेमोंसट्रेशन करके फायरकर्मियों की टीम यह बताने का प्रयास करती है कि आग से कैसे बचें ? इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.
आग से बचाव के लिए चलाया जागरूकता अभियान: जागरूकता अभियान को लार्ज स्केल पर ले जाने के लिए फायर ब्रिगेड के सपोर्ट में इंडियन ऑयल भी आ गया है. शुक्रवार को फायर ब्रिगेड हेडक्वार्टर में आयोजित कार्यक्रम में इंडियन ऑयल के चेयरमैन एस एम वैद्य और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्याम बोहराजी पहुंचे. चेयरमैन वैद्य ने कहा कि लोगों को अवेयर करना होगा. आखिर आग की घटना से हम कैसे बचें ? क्योंकि आग की घटना तभी होती है, जब लापरवाही होती है. इसके लिए कैंपेन की शुरूआत दिल्ली फायर सर्विस के साथ मिलकर और large-scale पर इंडियन ऑयल करने जा रहा है. साथ ही उन्होंने लोगों को यह भी सलाह दी कि कैसे वह पेट्रोलियम प्रोडक्ट को सावधानी से इस्तेमाल करें.
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राष्ट्रपति ने फायरमैन को किया प्रोत्साहित: कार्यक्रम में अलग-अलग अग्निकांड के दौरान बेहतरीन काम करने वाले फायरमैन को सम्मानित किया गया. इससे पहले फायर की टीम ने राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू से मुलाकात की और फायर सर्विस फ्लैग लगाकर उनसे डोनेशन लिया. फायरकर्मियों के लिए बनाए गए फंड के लिए राष्ट्रपति ने फायरकर्मियों की टीम को प्रोत्साहित किया. दिल्ली फायर सर्विस किस तरीके से लोगों की जान-माल की सुरक्षा करने में लगातार अग्रणी रही है, इसके बारे में भी पूरी जानकारी ली.
बता दें कि कार्यक्रम में फायर डायरेक्टर अतुल गर्ग, चीफ फायर ऑफिसर वीरेंद्र सिंह, धर्मपाल भारद्वाज, डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर सुमेश कुमार दुआ, डिविजनल ऑफीसर एमके चट्टोपाध्याय, राजेंद्र अटवाल, असिस्टेंट डिवीजनल फायर ऑफिसर रविन्द्र सिंह, राजेश शुक्ला, सोमवीर सिंह, रविनाथ सहित काफी संख्या में फायरकर्मी मौजूद रहे.
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