नई दिल्ली: बड़े शहरों और छोटे शहरों तथा ग्रामीण इलाकों में परिवहन का प्रमुख साधन ई-रिक्शा और ऑटो चालक लॉकडाउन 4 में मिली रियायतों के बाद भी खुश नहीं नजर आए. राजधानी दिल्ली में ई-रिक्शा चालकों की स्थिति बेहद दयनीय है. इसको देखते हुए ईटीवी भारत की टीम नवादा मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची और ई-रिक्शा चालकों की आपबीती जानी.
ई-रिक्शा चालकों की समस्या
- नहीं निकल पा रहा रोजाना का खर्च
ई-रिक्शा चालकों का कहना है कि सड़क पर इक्का-दुक्का सवारी हैं. जिसके कारण वे एक तरह से अभी भी बेरोजगार हैं. क्योंकि जब तक सवारी नहीं मिलती तब तक उनका खर्चा नहीं निकल पाएगा.
- परिवार की जिम्मेदारियों में दब रहे
इस बारे में ई-रिक्शा चालक राजकमल ने बताया की वह दिन भर में इतना भी काम नहीं कर पाते की उनके रिक्शा का किराया निकल सके या वह रिक्शा की बैटरी चार्ज कर सकें. इसके अलावा उन पर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ है, जिसे निभाने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
- मेट्रो खुलने के बाद कम होगी परेशानी
वहीं रामशंकर ने बताया कि उन्होंने कुछ समय पहले ही ई-रिक्शा खरीदा है. लेकिन अब लॉकडाउन के कारण वह जिस दौर से गुजर रहे हैं, इस दौर में ई-रिक्शा की किस्त भरना भी मुश्किल साबित हो रहा है. उनका कहना है कि अगर मेट्रो खुल जाती है, तो सवारी आनी शुरू हो जाएगी जिससे उन्हें राहत मिलेगी.
- नहीं निकाल पा रहे दिन का खर्च
वहीं शंकर ने बताया कि वह सिर्फ 100-150 रुपये ही कमा पाते हैं, जिससे उनका दिन का खर्च नहीं निकल पाता है और वह लॉकडाउन खुलने तक इसी परेशानी से गुजरने वाले हैं.