नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने संभल बेस्ड इंटरस्टेट ऑटो लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश किया है. उनकी निशानदेही पर आधा दर्जन गाड़ियां बरामद की गई हैं. इन गाड़ियों को नगालैंड और मणिपुर में डिस्पोजल के लिए भेजा जा चुका था. मिले इनपुट के आधार पर पुलिस टीम को महंगी कारें बरामद करने के लिए उत्तर पूर्वी राज्यों में कई जगह छापेमारी करनी पड़ी, तब जाकर ये गाड़ियां बरामद की जा सकी.
गिरफ्तार किए गए आरोपी, मोहम्मद दानिश और राजा ने पुलिस को बताया था कि, कैसे वे लोग दिल्ली से गाड़ियां चुराकर और गैंग के दूसरे मेंबरों के साथ मिलकर उत्तर पूर्वी राज्यों में भेज दिया करते थे. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि, इस गैंग की निशानदेही पर नगालैंड और मणिपुर में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर एसडी मिश्रा और डीसीपी क्राइम विचित्र वीर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की टीम को रेड करने के लिए भेजा गया था.
साउथ दिल्ली के ओखला इलाके से गिरफ्तार किए गए मोहम्मद दानिश और राजा से पुलिस को पता चला की उनके गैंग का सरगना भी उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला है. पूछताछ में पता चला कि इन लोगों ने हाल में ही पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन इलाके से एक गाड़ी चुराई थी. उन्होंने पुलिस को बताया कि, अब तक वे 50 से ज्यादा गाड़ियां चोरी कर चुके हैं और उसका डिस्पोजल नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में कर चुके हैं. इन्होंने दो और गैंग मेंबरों के बारे में जानकारी दी जो इनके साथ मिलकर काम करते हैं.
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बरामद गाड़ियों में फॉर्च्यूनर, थार जैसी गाड़ियां शामिल हैं, जो दिल्ली के मुखर्जी नगर, मैदान गढ़ी, मोती नगर, राजौरी गार्डन और हरियाणा के गुरुग्राम इलाके से चुराई गईं थी. पूछताछ में आगे पता चला कि इनके गैंग का मुख्य मास्टरमाइंड का नाम गुलाम है, जो संभल में ही रहता है. वह दिल्ली से चुराई गई गाड़ियों का फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों तक पहुंचाता है. इन चोरी की गाड़ियों को वहां जुम्मा खान, इमरान, शाहिदूर और जॉनसन नाम का शख्स लेता था.
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