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रावण दहन पर सरकार की कोई गाइडलाइन नहीं, असमंजस में पुतला बनाने वाले - दिल्ली सरकार ने जारी नहीं की गाइडलाइन

दिल्ली में रामलीला और छठ पर्व को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई, लेकिन अब तक रावण दहन को लेकर कोई SOP जारी नहीं की गई है. इसको लेकर रावण का पुतला बनाने वाले लोग असमंजस की स्थिति में हैं क्योंकि बीते साल उन्हें बहुत नुकसान हो गया था. वह नहीं चाहते कि इस बार भी उन्हें नुकसान झेलना पड़ा.

असमंजस की स्थिति में पुतला बनाने वाले लोग
असमंजस की स्थिति में पुतला बनाने वाले लोग
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Published : Oct 12, 2021, 8:04 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना को लेकर DDMA की गाइडलाइन की वजह से द्वारका समेत दिल्ली के कई इलाकों में रामलीला का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. वहीं दुर्गा पूजा के लिए भी परमिशन में देरी हो गई थी, लेकिन जैसे ही पूजा समितियों को अनुमति मिली तो वो झटपट तैयारियों में लग गए. हालांकि उन्हें इसके लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया.


ऐसी ही कुछ असमंजस की स्थिति रावण दहन को लेकर बनी हुई है. लोगों को अब तक पता ही नहीं है कि रावण दहन हो पाएगा या नहीं. इस वजह से पुतला बनाने वाले भी उधेड़बुन में फंसे हुए हैं.

असमंजस की स्थिति में पुतला बनाने वाले लोग

द्वारका सेक्टर 16 में पुतला बनाने वाले लोगों ने बताया कि वो पुतला बना तो रहे हैं पर उन्हें पता नहीं कि वो इनका लागत भी निकाल पाएंगे या नहीं. पिछले साल कोरोना की मार की वजह से करीब ढाई लाख रुपये का नुकसान झेल चुके इन लोगों ने बताया कि पिछले साल उनके पास कारीगरों को देने तक के पैसे नहीं थे.

ये भी पढ़ें- दिल्ली में अलर्ट जारी होते ही धर लिए जाते हैं आतंकी, पढ़िए पूरी खबर


यहां 10 से 50 फीट ऊंचे पुतले बनाए जा रहे हैं. पहले जहां ये पुतले द्वारका सहित दिल्ली के कई इलाकों में जाते थे. वहीं आज इनके पुतले द्वारका के बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं. नुकसान के डर और पुतलों के बिकने की उम्मीद के बीच इस बार पहले से कम पुतले बनाए जा रहे हैं.


त्योहारी सीजन होने के बाद भी कोरोना की मार का असर लोगों के व्यापार और त्योहारों पर पड़ता दिख रहा है. तभी तो एक तरफ रावण दहन के कार्यक्रम का पता नहीं चल पा रहा है. वहीं दूसरी ओर इन्हें बनाने वाले इस बात से परेशान हैं कि इनके पुतले बिकेंगे या नहीं.

नई दिल्ली: कोरोना को लेकर DDMA की गाइडलाइन की वजह से द्वारका समेत दिल्ली के कई इलाकों में रामलीला का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. वहीं दुर्गा पूजा के लिए भी परमिशन में देरी हो गई थी, लेकिन जैसे ही पूजा समितियों को अनुमति मिली तो वो झटपट तैयारियों में लग गए. हालांकि उन्हें इसके लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया.


ऐसी ही कुछ असमंजस की स्थिति रावण दहन को लेकर बनी हुई है. लोगों को अब तक पता ही नहीं है कि रावण दहन हो पाएगा या नहीं. इस वजह से पुतला बनाने वाले भी उधेड़बुन में फंसे हुए हैं.

असमंजस की स्थिति में पुतला बनाने वाले लोग

द्वारका सेक्टर 16 में पुतला बनाने वाले लोगों ने बताया कि वो पुतला बना तो रहे हैं पर उन्हें पता नहीं कि वो इनका लागत भी निकाल पाएंगे या नहीं. पिछले साल कोरोना की मार की वजह से करीब ढाई लाख रुपये का नुकसान झेल चुके इन लोगों ने बताया कि पिछले साल उनके पास कारीगरों को देने तक के पैसे नहीं थे.

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यहां 10 से 50 फीट ऊंचे पुतले बनाए जा रहे हैं. पहले जहां ये पुतले द्वारका सहित दिल्ली के कई इलाकों में जाते थे. वहीं आज इनके पुतले द्वारका के बाहर भी नहीं जा पा रहे हैं. नुकसान के डर और पुतलों के बिकने की उम्मीद के बीच इस बार पहले से कम पुतले बनाए जा रहे हैं.


त्योहारी सीजन होने के बाद भी कोरोना की मार का असर लोगों के व्यापार और त्योहारों पर पड़ता दिख रहा है. तभी तो एक तरफ रावण दहन के कार्यक्रम का पता नहीं चल पा रहा है. वहीं दूसरी ओर इन्हें बनाने वाले इस बात से परेशान हैं कि इनके पुतले बिकेंगे या नहीं.

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