नई दिल्लीः एमसीडी चुनाव प्रचार (MCD election campaign) के आखिरी दिन शुक्रवार को प्रत्याशियों ने जमकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. विभिन्न दलों के प्रत्याशियों ने जगह-जगह रैलियां कर वोटरों को लुभाने का प्रयास किया. इसके अलावा छोटी पार्टियां/निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी तरफ से कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में, बापरौला के वार्ड नंबर 109 में सभी पार्टियों के प्रत्याशियों सहित निर्दलीय दावेदारी पेश कर रहे है. प्रत्याशियों ने चुनावी सभा और बाइक रैली निकाल कर लोगों से उनके समर्थन में अपना मत देने की अपील की.
निगम पार्षद के लिए वेलफेयर पार्टी से निर्दलीय लड़ रहे प्रत्याशी जाकिर ने बताया कि वो तो अकेले ही लोगों से आशिर्वाद लेने के लिए निकले थे, लेकिन उनके समर्थक उनके साथ जुड़ते चले गए, जो एक विशाल बाइक रैली में बदल गयी. उन्होंने बताया कि इससे पहले के निगम पार्षदों ने क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ खास काम नहीं किया. जहां एक तरफ उनके इलाके में जगह-जगह कूड़ा फैला है, नालियों की समस्याएं हैं और सड़कें टूटी हुई हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को अपने काम करवाने के लिए निगम पार्षद के ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ते थे. इसके बाद भी उनका काम नहीं होता था.
उन्होंने कहा कि इसी सब समस्याओं को देखते हुए उन्हीं के बीच से वो प्रतिनिधि के रूप में इस बार चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे कि इलाके का विकास और लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके. उन्हें पूरी उम्मीद है कि क्षेत्र की जनता उन्हें अपना आशीर्वाद देकर जीत की माला जरूर पहनाएगी.
मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से उनकी दावेदारी मजबूत जरूर दिख रही है, लेकिन बड़ी-बड़ी पार्टियों के प्रत्याशी और अन्य निर्दलीय भी अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पूरे जी-जान से लगे हुए हैं. वहीं वार्ड नंबर 120 द्वारका बी से निर्दलीय एमसीडी चुनाव लड़ रहीं मोनिका मिगलानी अपने समर्थकों के साथ डोर-टू-डोर जाकर लोगों से उनके पक्ष में मतदान की अपील कर रही हैं. उन्होंने बताया कि पिछले 15 सालों से बीजेपी, दिल्ली एमसीडी में है, लेकिन ये दिल्ली के विकास में नाकाम रही है.
ये भी पढ़ेंः एमसीडी चुनाव पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से SC का इनकार
उनका कहना है कि वो क्षेत्र के विकास के साथ लोगों की बेहतरी के लिए भी काम करेंगी. चुनाव के दौरान सभी पार्टियां अपनी मेनिफेस्टो जारी करती है, जिसमें वो अपनी योजनाओं को जनता के सामने रखते हैं, लेकिन इन्होंने निर्दलीय होते हुए भी अपना मेनिफेस्टो जारी किया है, जिसमें उन्होंने बुजुर्गों के लिए रीक्रिएशन, महिलाओं के लिए लर्निंग प्रोग्राम सहित अन्य स्थानीय मुद्दों पर काम करने की बात कही है. साथ ही उन्होंने दावा किया है कि उन्होंने जिन मुद्दों पर अपना फोकस रखा है, उसे किसी भी पार्टी या प्रत्याशी ने नहीं अपने वादों में समाहित नहीं किया है.