नई दिल्ली: राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर चोरी के मामलों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों के साथ काम करने वाले लोडर ही, एयरपोर्ट पर यात्रियों के सामानों से चोरी का रैकेट चला रहे थे. ये लोडर चेक-इन के बाद विमान में चढ़ाए जाने वाले बैगेज में से कीमती सामानों की चोरी किया करते थे. आरोपियों के नाम दीपक पाल, गौतम कुमार, मोहिन खान, राहुल यादव, यशविंदर, पप्पी कुमार, नीरज कुमार और कमल कुमार हैं, जिन्हें आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया है. इसके बाद पुलिस ने चोरी के 4 मामलों को सुलझाने में भी कामयाबी हासिल की है.
पुलिस ने इनके कब्जे से करीब 10 लाख रुपये मूल्य के सोने चांदी के गहने, जिसमें एक सोने की चूड़ी, एक सोने का लॉकेट, दो सोने की अंगूठी, दो सोने के लॉकेट, तीन गोल्ड ईयर टॉप्स, दो सोने की चेन, तीन सिल्वर बेबी चूड़ी, सात जोड़ी चांदी बिछिया, एक जोड़ी चांदी तगाड़ी, एक एप्पल आईफोन, एक एप्पल घड़ी, पांच घड़ियां, 9 अमेरिकी डॉलर, 1.15 लाख रुपये, पांच आई-पॉड्स और चमड़े के दो पर्स बरामद किए हैं. डीसीपी आईजीआई एयरपोर्ट रवि कुमार सिंह ने बताया कि, आईजीआई एयरपोर्ट पर सामान चोरी की शिकायत मिलने के बाद पुलिस एयरलाइनों के सतर्कता विभाग और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के समन्वय से विभिन्न एयरलाइनों और ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसियों के साथ चलने वाले लोडरों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रही थी.
इस दौरान उनकी हर हरकत की बारीकी से जांच की जा रही थी कि तभी पुलिस टीम 11 जनवरी को एयरलाइंस के सतर्कता विभाग की मदद से दीपक पाल नाम के एक लोडर को पकड़ा, जो एक यात्री के पंजीकृत चेक-इन बैगेज से चोरी करने का प्रयास कर रहा था, जिसे विमान में चढ़ाया जाना था. गिरफ्तार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह 2018 से एक ग्राउंड हैंडलिंग सहायता प्रदान करने वाली कंपनी में लोडर के रूप में काम कर रहा था. इस दौरान उसे जब भी उसे मौका मिलता था, वह यात्रियों के सामान से छोटी-मोटी चोरी कर लेता था. धीरे-धीरे वह अन्य एयरलाइंस और एजेंसियों के 7 अन्य लोडर और ग्राउंड हैंडलिंग स्टाफ के संपर्क में आया. ये सभी एक ही समय की पाली में काम कर रहे थे. उन सभी ने एक गिरोह बनाया और बड़े पैमाने पर सामान चोरी करना शुरू कर दिया.
मिली जानकारी के आधार पर एसीपी वीरेंद्र मोर के निरीक्षण और एसएचओ यशपाल सिंह के नेतृत्व में इंस्पेक्टर सुमित कुमार, सतीश यादव, एसआई मुकेश कुमार, संदीप, प्रशांत, संजीव चौधरी, हेड कॉन्स्टेबल विश्वजीत, बिरजू और कॉन्स्टेबल मोहिनी की टीम ने तकनीकी निगरानी की मदद से सभी सात लोडरों के ठिकाने पर छापेमारी की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के कब्जे से चुराए हुए सामान बरामद हुए.
ये सभी चेक इन बैगेज को एयरपोर्ट टर्मिनल से रनवे में लगे विमानों तक पहुंचाने के दौरान चोरी किया करते थे. आईजीआई एयरपोर्ट पर यह दूरी 100 मीटर से लेकर कई बार एक से दो किलोमीटर तक होती है. इसी दौरान वे दो प्रकार से चोरी को अंजाम देते थे. पहले तरीके में आरोपी कई बार जानबूझकर बैगेज को इतनी जोर से पटकते थे कि या तो उसके चैन खुल जाते थे या कई बैग फट जाते थे. इसके बाद वे बैग में रखे कीमती सामान निकाल लिया करते थे. इस तरह की चोरी को काफी समय से अंजाम देने के कारण वे इसमें एक्सपर्ट हो गए थे. दूसरे तरीके में ये लोग अपने साथ रखे पेन से बैगेज की चेन खोल लिया करते थे. फिर उसमें से कीमती सामान निकालने के बाद वह चेन को फिर से बंद कर दिया करते थे.
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इसके बाद ये लोग बैगेज से चोरी के सामानों को एयरपोर्ट के भीतर उन्हें दिए गए लॉकर्स और अन्य स्थानों के अंदर छुपाने के लिए उपयोग करते थे. बाद में जब भी उन्हें मौका मिलता, वे चोरी के सामान को अपने अंडरगारमेंट्स में छुपा लेते थे और एयरपोर्ट से बाहर निकल आते थे. वे चोरी के सामान को ठिकाने लगाने से पहले एक जगह इकट्ठा कर लेते थे. गौरतलब है कि पिछले साल पुलिस को 57 बैग से सामानों की चोरी के साथ लगभग 80 मोबाइलों की चोरी की भी शिकायत मिली थी. संदेह जताया जा रहा है कि इस रैकेट में सिर्फ लोडर ही नहीं एयरपोर्ट पर काम करने वाले अन्य एजेंसी के सदस्य भी शामिल हो सकते हैं.
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