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बक्करवाला में बना है गौमाता मंदिर, लोग चारा खिलाकर लेते हैं आशीर्वाद

रणहौला (Ranhaula) के बक्करवाला गांव (Bakkarwala Village) में 12 साल पहले, जहां गायों के अवशेष मिले थे, अब वहां गौ माता मंदिर (Gau Mata Mandir) बना दिया गया है.

गौ माता मंदिर
गौ माता मंदिर
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Published : Jun 29, 2021, 5:06 PM IST

नई दिल्लीः रणहौला के बक्करवाला गांव (Ranhaula Bakkarwala Village) में 12 साल पहले, जहां गायों के अवशेष मिले थे, अब वहां गौ माता मंदिर (Gau Mata Mandir) बना दिया गया है. लोग गौ माता की पूजा कर, उन्हें चारा खिलाते हैं. साथ ही यहां पर गौशाला भी बनाया गया है, जहां गायों की देखभाल की जाती है.

बक्करवाला गांव में 12 साल पहले गौ माता मंदिर में गायों के अवशेष मिले थे. दोबारा, वैसी घटना ना हो और लोगों के धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 2009 में इस मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई. मंदिर के निर्माण कार्य के साथ ही, यहां पर गौशाला की भी शुरुआत की गई. एक गाय से शुरू किये गए इस गौशाला में, आज 300 गायों की सेवा की जाती है. लोग गौ माता का पूजन तो करते ही हैं, साथ ही गायों को चारा भी खिलाते हैं.

गौ माता मंदिर

मंदिर निर्माण के बाद से, फिर उस घटना की पुनरावृत्ति नहीं हुई, जो 2009 में लोगों के आक्रोश का कारण बनी थी. अब यहां हमेशा लोगों का आना- जाना लगा रहता है. आज यहां गौ माता की पूजा तो हो ही रही है, साथ ही उनकी सेवा भी की जा रही है.

ये भी पढ़ें-रणहौला में नाबालिग पड़ोसी ने युवक पर किया हमला, CCTV न दिखाने पर हुआ था विवाद

नई दिल्लीः रणहौला के बक्करवाला गांव (Ranhaula Bakkarwala Village) में 12 साल पहले, जहां गायों के अवशेष मिले थे, अब वहां गौ माता मंदिर (Gau Mata Mandir) बना दिया गया है. लोग गौ माता की पूजा कर, उन्हें चारा खिलाते हैं. साथ ही यहां पर गौशाला भी बनाया गया है, जहां गायों की देखभाल की जाती है.

बक्करवाला गांव में 12 साल पहले गौ माता मंदिर में गायों के अवशेष मिले थे. दोबारा, वैसी घटना ना हो और लोगों के धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 2009 में इस मंदिर के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई. मंदिर के निर्माण कार्य के साथ ही, यहां पर गौशाला की भी शुरुआत की गई. एक गाय से शुरू किये गए इस गौशाला में, आज 300 गायों की सेवा की जाती है. लोग गौ माता का पूजन तो करते ही हैं, साथ ही गायों को चारा भी खिलाते हैं.

गौ माता मंदिर

मंदिर निर्माण के बाद से, फिर उस घटना की पुनरावृत्ति नहीं हुई, जो 2009 में लोगों के आक्रोश का कारण बनी थी. अब यहां हमेशा लोगों का आना- जाना लगा रहता है. आज यहां गौ माता की पूजा तो हो ही रही है, साथ ही उनकी सेवा भी की जा रही है.

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