नई दिल्ली: राजधानी में लगातार हो रही अग्निकांडों में लगातार लोगों की मौत हो रही है. आज हुए जामिया के जाकिर नगर में हुए आग हादसे में 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 11 की हालत गंभीर बताई जा रही है.
इस हादसे के जो कारण अभी तक सामने आए हैं वो कारण कई अलग-अलग हादसों में सामने आ चुके हैं. बिल्डिंग के बेसमेंट में बनी पार्किंग के कारण आग भयंकर हुई और इतने लोगों की जान गई.
'नहीं था निकलने का रास्ता'
जाकिर नगर में हुए हादसे को लेकर पीड़ितों से मिलने के लिए भाजपा के नेता विजेंद्र गुप्ता मंगलवार दोपहर घटनास्थल पर पहुंचे. यहां पर उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए मकान बनाने की नीति को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस मकान में 6 लोग मारे गए. वह अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे, लेकिन उनके पास बाहर निकलने का रास्ता नहीं था. इस वजह से यह लोग मकान के अंदर ही मारे गए. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को इसे लेकर विचार करने की जरूरत है.
'ऐसे मकानों से बाहर कैसे निकलें'
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कुछ समय पहले पीतमपुरा इलाके में भी ऐसा ही हादसा हुआ था, जिसमें भूतल पर बनी पार्किंग में आग लग गई थी. इसकी वजह से लोग बाहर नहीं निकल सके थे. उन्होंने कहा कि आजकल ऐसे ही मकान बनाए जा रहे हैं जिसमें भूतल पर पार्किंग होती है और वहीं से अंदर जाने का रास्ता होता है. आग लगने पर लोग इससे बाहर ही नहीं निकल पाते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे मकानों में पार्किंग के अलावा बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता ही नहीं होता है.
विधानसभा में हो इसी मुद्दे पर चर्चा
विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि वह इस मुद्दे को उन्हें सदन में उठाने दें. इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए ताकि भविष्य में लोगों की जान इस तरीके से ना जाए. उन्होंने कहा कि घटना होने के बाद पक्ष-विपक्ष पीड़ितों को सांत्वना देने के लिए जाता है. लेकिन आज सरकार को ऐसा काम करना चाहिए कि जिसकी वजह से इस तरह के हादसे ही ना हों.
बिजली की तारों को लेकर उठाए सवाल
विजेंद्र गुप्ता ने यहां पर गलियों में लटकी हुई बिजली की तारों को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यहां पर हर गली में बिजली की तारे लटकी हुई है, जो मकानों को छू रही हैं. इस हादसे में भी बिजली के मीटर से ही घर में आग लगी है. इस क्षेत्र में हालात ज्यादा खराब है और सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए ताकि भविष्य में लोगों की जान इस तरह के हादसों में न जाए.