नई दिल्ली: दिल्ली के कालकाजी मंदिर परिसर में गुरुवार को विश्व हिंदू महासंघ ने शपथ समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आए संतों ने हिस्सा लिया. इस दौरान जाति जनगणना पर विरोध जताते हुए कहा गया कि हिंदू समाज के खिलाफ जाति जनगणना एक षड्यंत्र है.
कालकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि संकल्प सिद्धि का मूल है. विश्व हिंदू महासंघ के भारत इकाई ने अपने सदस्यों को शपथ दिलाई गई कि वे विश्व हिंदू महासंघ के उद्देश्य और देश हित के लिए काम करेंगे. इसके लिए तन मन धन से यथाशक्ति प्रयास करेंगे. राष्ट्र विरोधी कोई भी हरकत हमें पता चलेगा तो हम सभी हिंदू समाज के लोग मिलकर उसका मुकाबला करेंगे और सभी को सतर्क करेंगे. विक्रम गोस्वामी ने बताया कि इसका उद्देश्य साफ है कि जो लोग सनातन संस्कृति के लिए काम करेंगे वो इसमें आगे बढ़ते रहें और धर्म प्रचार का कार्य करते रहें. कार्यक्रम का आयोजन कालकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने किया.
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इस दौरान स्वामी दीपांकर महाराज मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे. स्वामी दीपांकर महाराज ने इस दौरान शपथ दिलवाया कि हम लोग जाति के तहत नहीं बटेंगे, तभी हम विश्व हिंदू महासंघ कहलायेंगे. उन्होंने आगे कहा कि आज हमारी यात्रा का 156 वां दिन है और आज हम कालकाजी मंदिर में पहुंचे हैं. हमने यह यात्रा हिंदुओं को एक करने के लिए शुरू किया है. हिंदुओं को एक होना होगा. उन्हें किसी भी जाति में बंटने की जरूरत नहीं, हम सभी हिंदू है. हमें जाति में बटने से रोकना होगा. हमें जातिगत जनगणना के विष को रोकना होगा, जो नेता अपने फायदे के लिए ऐसी हिंदुओं में भेदभाव फैला रहे. हमे जातियों में बंटना बंद करना होगा. हिंदू मतलब सिर्फ हिंदू और इससे ज्यादा कुछ नहीं.
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