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India-Canada Row: भारतीय परिवारों की बढ़ी चिंता, कनाडा में रह रहे बच्चों के परिजनों ने कहा- भविष्य खतरे में

भारत द्वारा कनाडाई वीजा सेवा अस्थायी रूप से निलंबित होने से वहां पढ़ रहे छात्रों या वहां काम रहे भारतीयों के परिवार की चिंता बढ़ गई है. दोनों देशों के संबंध बिगड़ने से छात्रों पर क्या असर पड़ेगा? परिजनों को चिंता है कि उनके बच्चों का भविष्य कहीं खतरे में तो नहीं? जानिए क्या कहना है उनका...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 23, 2023, 1:40 PM IST

भारत और कनाडा विवाद ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है. भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. इसको लेकर कनाडा में पढ़ रहे छात्रों या वहां काम रहे भारतीयों के परिवारों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा इस फैसले को लेकर बताया गया है कि कनाडा में भारतीय दूतावास में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों में भय है.

कनाडा में रहने वाले छात्रों के परिजनों ने ये कहा

आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में कनाडा में 5.5 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 2.26 लाख छात्र भारत से थे. दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी को लेकर कनाडा में पढ़ रहे छात्रों के परिवार दहशत में आ गए हैं. छात्रों के भविष्य को लेकर उनके मन में कई सारे सवाल हैं. बात अगर दिल्ली की करें तो कालकाजी इलाके में रहने वाले गुरमीत सिंह ने बताया कि उनके दो बच्चें कनाडा में रहकर पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भारत के लोगों का वीजा कनाडा ने बंद नहीं किया गया है. अगर दोनों देश ऐसा कर देंगे तो वहां रहने वाले लोगों की समस्याएं बढ़ जाएगी.

वहीं पलविंदर सिंह ने बताया कि हमारी बेटी कनाडा में रहती है. इसके साथ ही हमारे जानने वाले करीब 20 लोग कनाडा में रहते हैं. भारत-कनाडा के बीच जो रिश्तों में तनाव आया है, उसको लेकर हमारे मन में चिंता है. दोनों देशों को आपस में बैठकर रिश्ते को सुधारना चाहिए. क्योंकि दोनों देशों के बीच हुए तनाव के बाद परेशानी कनाडा में रहने वाले भारत के लोगों को होगी. बता दें कनाडा के प्रधानमंत्री के द्वारा उनके देश में खालिस्तानी आतंकवादी के हत्या का जिम्मेदार भारतीय एजेंट को ठहराया गया है जिसके बाद दोनों देशों के बीच के रिश्ते में तनाव आया है.

भारत ने क्या चेतावनी दी है?

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सरकार का बयान पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, "कनाडा में भारत-विरोधी गतिविधियों, राजनीतिक अनदेखी के चलते बढ़ते हेट क्राइम और आपराधिक हिंसा के मद्देनजर वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा करने वाले लोगों से आग्रह किया जाता है कि वो अत्यधिक सावधानी बरतें.

हाल ही में विशेष रूप से उन भारतीय राजनयिकों और भारतीयों को टार्गेट किया गया है, जो भारत-विरोधी एजेंडे का विरोध करते हैं. इसलिए भारतीय नागरिकों को ये भी सलाह दी जाती है कि वे कनाडा के उन इलाकों की यात्रा करने से बचें, जहां ऐसी घटनाएं देखी गई है."

विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रह रहे भारतीय छात्रों को भी सावधानी बरतने और सतर्क रहने के लिए कहा है. भारतीय नागरिकों और छात्रों को ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वैंकूवर में भारत के दूतावास में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया है. इससे उच्चायोग और दूतावास किसी भी आपातकालीन स्थिति में भारतीय छात्रों और रहवासियों से तुरंत जुड़ सकेगा.

यह भी पढ़ें-India Canada Relations : भारत को कई सप्ताह पहले आरोपों की जानकारी दी गई थी: ट्रुडो

India Canada Relations : कनाडा के लिबरल पार्टी के सांसद चंद्र आर्य ने चरमपंथियों पर हिंदुओं को डराने का आरोप लगाया

भारत और कनाडा विवाद ने बढ़ाई चिंता

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है. भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है. इसको लेकर कनाडा में पढ़ रहे छात्रों या वहां काम रहे भारतीयों के परिवारों की चिंता बढ़ गई है. हालांकि विदेश मंत्रालय द्वारा इस फैसले को लेकर बताया गया है कि कनाडा में भारतीय दूतावास में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारियों में भय है.

कनाडा में रहने वाले छात्रों के परिजनों ने ये कहा

आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में कनाडा में 5.5 लाख अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 2.26 लाख छात्र भारत से थे. दोनों देशों के बीच चल रही तनातनी को लेकर कनाडा में पढ़ रहे छात्रों के परिवार दहशत में आ गए हैं. छात्रों के भविष्य को लेकर उनके मन में कई सारे सवाल हैं. बात अगर दिल्ली की करें तो कालकाजी इलाके में रहने वाले गुरमीत सिंह ने बताया कि उनके दो बच्चें कनाडा में रहकर पढ़ाई करते हैं. उन्होंने कहा कि अभी भारत के लोगों का वीजा कनाडा ने बंद नहीं किया गया है. अगर दोनों देश ऐसा कर देंगे तो वहां रहने वाले लोगों की समस्याएं बढ़ जाएगी.

वहीं पलविंदर सिंह ने बताया कि हमारी बेटी कनाडा में रहती है. इसके साथ ही हमारे जानने वाले करीब 20 लोग कनाडा में रहते हैं. भारत-कनाडा के बीच जो रिश्तों में तनाव आया है, उसको लेकर हमारे मन में चिंता है. दोनों देशों को आपस में बैठकर रिश्ते को सुधारना चाहिए. क्योंकि दोनों देशों के बीच हुए तनाव के बाद परेशानी कनाडा में रहने वाले भारत के लोगों को होगी. बता दें कनाडा के प्रधानमंत्री के द्वारा उनके देश में खालिस्तानी आतंकवादी के हत्या का जिम्मेदार भारतीय एजेंट को ठहराया गया है जिसके बाद दोनों देशों के बीच के रिश्ते में तनाव आया है.

भारत ने क्या चेतावनी दी है?

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सरकार का बयान पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, "कनाडा में भारत-विरोधी गतिविधियों, राजनीतिक अनदेखी के चलते बढ़ते हेट क्राइम और आपराधिक हिंसा के मद्देनजर वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा करने वाले लोगों से आग्रह किया जाता है कि वो अत्यधिक सावधानी बरतें.

हाल ही में विशेष रूप से उन भारतीय राजनयिकों और भारतीयों को टार्गेट किया गया है, जो भारत-विरोधी एजेंडे का विरोध करते हैं. इसलिए भारतीय नागरिकों को ये भी सलाह दी जाती है कि वे कनाडा के उन इलाकों की यात्रा करने से बचें, जहां ऐसी घटनाएं देखी गई है."

विदेश मंत्रालय ने कनाडा में रह रहे भारतीय छात्रों को भी सावधानी बरतने और सतर्क रहने के लिए कहा है. भारतीय नागरिकों और छात्रों को ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वैंकूवर में भारत के दूतावास में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया है. इससे उच्चायोग और दूतावास किसी भी आपातकालीन स्थिति में भारतीय छात्रों और रहवासियों से तुरंत जुड़ सकेगा.

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