नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन लगातार जारी है. वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अलग-अलग सामाजिक संगठन, राजनीतिक संगठन, विश्वविद्यालयों के छात्रों का भी समर्थन मिल रहा है. रविवार को प्रदर्शन कर रहे छात्रों के समर्थन में बड़ी संख्या में जेएनयू के छात्र अपना समर्थन देने के लिए पहुंचे. छात्रों को संबोधित करते हुए जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि सरकार धर्मनिरपेक्ष देश को अपने एजेंडा से चलाना चाह रही है लेकिन देश के युवा उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे.
'सरकार को बांटने वाला कानून वापस लेना होगा'
वहीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि यह लड़ाई देश के संविधान को बचाने की है. जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह तबाह करने में तुले हुए हैं लेकिन देश का युवा और शिक्षित वर्ग सरकार को उसके मंसूबे में कामयाब नहीं होने देगा. उन्होंने कहा कि सरकार सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट के जरिए उन लोगों को आपस में बांटने का काम कर रही है पर हम लोग एकजुट हैं और सरकार को अपना बांटने वाला कानून वापस लेना ही पड़ेगा.
'सरकार अपनी नीतियां थोपना चाह रही है'
वहीं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी सहित तमाम विश्वविद्यालयों में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि यह सरकार अपनी नीतियों के जरिए शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने पर लगी हुई है लेकिन आज के युवा सरकार को उसकी शिक्षा विरोधी नीति में कामयाब नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण करने पर तुली हुई है और जहां पर छात्र पढ़ रहे हैं वहां अलग-अलग तरह के कानून को लाकर उनके मौलिक अधिकारों को छीन रही है.
'जारी रहेगा प्रदर्शन'
वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी को वापस नहीं लेती है.