नई दिल्ली: साउथ ईस्ट जिला की एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट) ने आठ साल पहले परिवार से बिछड़ी नाबालिग लड़की को उसके परिजनों से मिलवाया. ये लड़की आठ साल पहले अपने पिता से नाराज होकर, लुधियाना से ट्रेन में बैठकर दिल्ली आ गई थी और लाजपत नगर स्थित एक शेल्टर होम में रह रही थी.
रेलवे और स्थानीय पुलिस की मदद से साउथ ईस्ट जिला की एएचटीयू ने लड़की के परिजनों का पता लगाया और कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उसे परिजनों से मिलवाया.
पुलिस उपायुक्त राजेन्द्र प्रसाद मीणा ने बताया कि रूटीन विजिट के दौरान लाजपत नगर शेल्टर हाउस में एक 17 वर्षीय किशोरी की काउंसलिंग की गई. इस दौरान युवती केवल लुधियाना में घर होने की बात बता पा रही थी, लेकिन अपना पूरा पता नहीं बता पा रही थी.
काउंसलिंग के बाद दी जानकारी
काउंसलिंग के बाद युवती ने बताया कि उसके पिता लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पोर्टर का काम करते हैं. इसके बाद टीम ने लुधियाना रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले पोर्टर्स की लिस्ट रेलवे से मांगी और उसकी पड़ताल शुरू की.
कई बार अनाउंसमेंट के बाद किशोरी के परिजनों का पता लगाया जा सका. किशोरी ने फोटो के जरिये अपने पिता की पहचान की.
किशोरी के पिता ने बताया कि वो अपने बेटी के साथ सख्ती से पेश आते थे, जिसके चलते वो घर छोड़कर चली गई थी.