नई दिल्ली : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को अजीमगंज सराय के संरक्षण व सौन्दर्यीकरण के कार्य की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान मनीष सिसोदिया ने दिल्ली पुरातत्व विभाग (Delhi Archaeological Department) के अधिकारियों के साथ बैठक की और सुंदर नगर, निज़ामुद्दीन स्थित अजीमगंज सराय के पुर्नोद्धार के लिए किए जा रहे संरक्षण कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली.
बता दें, दिल्ली की ऐतिहासिक पहचान को बरक़रार रखने के लिए केजरीवाल सरकार दिल्ली में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली ऐतिहासिक स्मारकों, इमारतों के संरक्षण व उनके पुर्नोद्धार का काम कर रही है.
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लम्बे समय तक उपेक्षित रही इमारत : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ऐतिहासिक इमारतें हमारी धरोहर हैं और इन्हें संरक्षित करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अजीमगंज सराय जैसी ऐतिहासिक महत्त्व की इमारत लम्बे समय तक उपेक्षित रही, जिसके कारण इसे काफी नुकसान हुआ है.
इसे लेकर केजरीवाल सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि बेहद सावधानी के साथ इस ऐतिहासिक स्मारक के संरक्षण व सौन्दर्यीकरण का काम किया जाए ताकि 16वीं सदी में बने अजीमगंज सराय को उसकी समृद्ध पहचान वापस मिल सके.
सरकार चरणबद्ध तरीके से करवा रही काम : सिसोदिया ने कहा कि मशहूर अजीम गंज सराय के संरक्षण व सौन्दर्यीकरण का कार्य सरकार चरणबद्ध तरीके से करवा रही है. संरक्षण व सौन्दर्यीकरण का कार्य पूरा हो जाने के बाद यह दिल्ली के प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाएगा और न केवल सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा बल्कि उन्हें दिल्ली के सदियों पुराने समृद्ध इतिहास से भी वाकिफ करवाएगा.
उन्होंने बताया कि अजीमगंज सराय 16वीं सदी की मुगल सराय थी, जो मूल रूप से पुराने किला और हुमायूं के मकबरे के महत्वपूर्ण मुगल स्मारकों को जोड़ने वाले ग्रांड ट्रंक रोड पर स्थित थी. सरायों को 'कारवां सराय' के रूप में भी जाना जाता है, जो यात्रियों, व्यापारियों और शिल्पकारों के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए व्यापार मार्गों के साथ बनाई गई थीं. इसके विशाल आंगन के चारो ओर 108 मेहराबदार कमरे बने हुए हैं जो बेहद खराब हालत में हैं और दिल्ली सरकार की ओर से इसके संरक्षण का कार्य किया जा रहा है.
दीवारों और मेहराबों को हुआ है बहुत नुकसान :कनेक्टिविटी के नुकसान और रखरखाव के अभाव के कारण अजीमगंज सराय में पिछले पचास सालों में स्थापत्य जैसे कक्षों, मेहराबों और चिनाई वाली दीवारों में बहुत नुकसान हुआ है.
यह ऐतिहासिक महत्त्व की इमारत है. ऐसे में केजरीवाल सरकार इसके संरक्षण कार्य में पारंपरिक सामग्रियों और शिल्प तकनीकों का उपयोग करवा रही है जिससे इसका पुराना स्थापत्य बरक़रार रहे. अजीमगंज सराय के संरक्षण का पूरा प्रोजेक्ट कामगारों के लिए प्रशिक्षण और बड़ी संख्या में रोजगार का अवसर तैयार करेगा.
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