नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: आपने मंदिरों या कई धर्मस्थलों पर जाने के लिए ड्रेस कोड सुना होगा, मगर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी ने अपने लोगों के लिए नया ड्रेस कोड जारी किया है. जी हां, सासाइटी में अब लुंगी और नाइट ड्रेस पहन कर कोई नहीं टहल सकेगा. सोसाइटी के आरडब्लूए का लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें इससे संबंधित फरमान लिखा है. लोगों ने इसका सोशल मीडिया पर ही जमकर विरोध किया. विरोध के बाद आरडब्लूए ने एक नोटिस जारी कर कहा कि यह फरमान नहीं अनुरोध था, जिसके लिए किसी भी सोसाइटीवासी को बाध्य नहीं किया जा सकता.
दरअसल, हिमसागर अपार्टमेंट सोसायटी के सचिव ने एक लेटर जारी किया था. उन्होंने सभी कोऑपरेटिव सोसायटी के सदस्यों से अपेक्षा करते हुए लिखा था कि जब कभी सोसाइटी में किसी भी समय घूमने निकलें, आप अपने आचरण और पहनावे का विशेष ध्यान रखें. आप अपने व्यवहार से किसी को आपत्ति करने का मौका न दें. अतः सभी से अनुरोध है कि लुंगी व नाइटी चौकी घर का पहनावा है, उसे पहनकर सोसाइटी में न घूमें. इसके लिए सभी सोसाइटी वालों से सहयोग की अपील है. लेकिन यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. अब इसे आरडब्ल्यूए का फरमान कहते हुए कार्रवाई की मांग की गई है.
महिलाओं की शिकायत पर अनुरोध: हिमसागर अपार्टमेंट में ड्रेस कोड को लेकर जारी लेटर के बाद जब विवाद बढ़ा तो अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सीके कालरा ने कहा कि उन्होंने सिर्फ अनुरोध किया था. सोसाइटी में योगा करते समय कुछ लोग लुंगी पहन कर आते थे. कुछ महिलाओं ने इसकी शिकायत भी की थी, जिसके बाद उन्होंने सभ्यता के दायरे में कपड़े पहन कर ही सोसाइटी में घूमने का अनुरोध किया था. उनका कहना है कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना हमारा उद्देश्य नहीं था और न ही कोई फरमान जारी किया था. यह सिर्फ सभी सोसाइटी वासियों के लिए एक अनुरोध था.
नाइटी को लेकर जारी नोटिस पर बयान: आरडब्ल्यूए अध्यक्ष ने कहा कि नाइटी को लेकर कोई शिकायत नहीं थी. नाइटी को लेकर जो लेटर जारी हुआ था वह हमारी गलती थी. उसके सुधार के लिए एक नया नोटिस सोसाइटी के बोर्ड पर चस्पा कर रहे हैं. सोसायटी में रहने वाले सभी लोगों को पूर्ण आजादी है कि वह अपने पसंद के कपड़े पहन सकते हैं. ड्रेस कोड के लिए किसी को भी बाध्य नहीं किया जा सकता. सोसाइटी को किसी की भावनाओं को आघात करने का कोई उद्देश्य नहीं था.
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