नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार जरूरतमंदों के लिए फ्री राशन वितरण योजना लेकर आई थी. वहीं इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए एमसीडी स्कूलों में जरूरतमंदों को राशन बांटा जा रहा हैं.
इसी बीच दिल्ली के जैतपुर वार्ड नंबर-1 के एमसीडी स्कूल पर कोरोना को लेकर बनाए गए हाॅटस्पाॅट जोन से भी लोग राशन लेने पहुंच रहे हैं. राशन बांटने वालों का आरोप हैं कि उन्हें सरकार की ओर से कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए.
अपने पैसों से खरीद रहे उपकरण
राशन वितरण में लगे शिक्षकों व स्कूल के अन्य कर्मचारियों के लिए सुरक्षा के उपकरण, जैसे गलव्स, मास्क, सैनिटाइजर, हेड मास्क, गोगल्स आदि की व्यवस्था नहीं की गई है.
शिक्षकों का आरोप हैं कि वह खुद अपने पैसों से सुरक्षा संबंधित उपकरण खरीद रहे हैं. इससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड रहा हैं. इस संबंध में एसडीएमसी के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर सुरक्षा संबंधित समुचित सुविधा देने की मांग की गई है.
कोरोना योद्धा कर रहे ड्यूटी
जैतपुर वार्ड नंबर-1 स्कूल के प्रिंसिपल पीएस भारती ने बताया कि यहां 20 शिक्षक, प्रिंसिपल, 4 स्वीपर, 3 अटेंडेंट, 2 चौकीदार समेत एक एनजीओ के 6 और डीसीडी के भी करीब 10 कर्मचारी कोरोना योद्धा के रूप में कार्यरत हैं. सभी सुबह-शाम जरूरतमंदों को राशन व खाना बांटने का काम करते है. लेकिन इनकी सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है.
इन क्षेत्रों से राशन लेने पहुंच रहे लोग
प्रिंसिपल पीएस भारती ने बताया कि जैतपुर वार्ड नंबर-1 स्कूल पर हाॅटस्पाॅट सेंटर के रूप में चिन्हित खडडा काॅलोनी, हर्ष विहार के लोग तो राशन और खाना लेने रोज पहुंचते ही हैं. इसके अलावा इस स्कूल पर जैतपुर के सभी ब्लाॅक, सौरभ विहार आदि के लोग भी पहुंचते हैं. उन्होंने बताया कि यहां रोज 200 से अधिक लोगों को खाना व राशन वितरित की जा रहा है.
सरकार की ओर से नहीं कोई व्यवस्था
पीएस भारती समेत अन्य शिक्षकों ने भी बताया कि उनकी सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है. उन्हें इस कार्य के लिए न तो मास्क और न ही सौनिटाइजर उपलब्ध कराया गया.
इसके बाद गलव्स व अन्य सामान तो दूर की बात है. वह खुद अपने पैसों से इसे खरीद रहे हैं. इस संबंध में एसडीएमसी के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है और उनसे सभी सुरक्षा संबंधित उपकरण की मांग की गई है. उच्चाधिकारियों ने सारी सुविधा देने का आश्वासन दिया हैं.