नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: नोएडा-ग्रेटर नोएडा में यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने प्रदूषण फैलाने के मामले में 9 संस्थानों पर 19 लाख का जुर्माना लगाया है. जानकारी के अनुसार, ग्रेटर नोएडा वेस्ट में जस्ट क्वालिटी कंक्रीट आरएमसी प्लांट पर 7.05 लाख का जुर्माना लगाया है. साथ ही प्लांट को बंद करने की सिफारिश मुख्यालय से की गई है. वहीं, नोएडा में आठ संस्थाओं के खिलाफ 12.60 लख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में पॉल्यूशन नियंत्रण बोर्ड और प्राधिकरणों के लगातार प्रयास के बाद भी वायु प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं है. लगातार बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है. सड़कों पर लगातार पानी का छिड़काव किया जा रहा है. उसके बाद भी वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण बढ़ने में हो रही निर्माण कार्यों को प्रमुख वजह माना जा रहा है.
गौतम बुद्ध नगर में क्षेत्रीय अधिकारी उत्कर्ष शर्मा ने बताया कि प्राधिकरण के दो ठेकेदारों पर सेक्टर-64 में पार्क की बाउंड्री वॉल के निर्माण, सेक्टर-67 में हल्दीराम के सामने नाला निर्माण में प्रदूषण फैलाने के लिए जुर्माना लगाया. इसके अलावा सेक्टर 128 में महागुण मनोरियल ग्रुप हाउसिंग, जेएमसी प्रोजेक्ट के कल्पतरु विस्टा प्रोजेक्ट पर भी जुर्माना लगाया है. इसके साथ सेक्टर-65 में भूखंड सी 108, सेक्टर-40 में ई 24, सेक्टर-64 में बी 120, सेक्टर-67 में बी 127 भूखंड पर बिल्डिंग मटेरियल खुले में डालने पर जुर्माना लगाया गया है.
देश में सबसे प्रदूषित शहर ग्रेटर नोएडा: शनिवार को ग्रेटर नोएडा देश के सबसे प्रदूषित शहरों में रहा. वहीं दूसरे नंबर पर नोएडा एनसीआर का सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा. ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक AQI 292 दर्ज किया गया. जबकि नोएडा में इसका स्तर AQI 250 रिकॉर्ड किया गया है.
ग्रेटर नोएडा में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण: ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. इसके साथ नियमित तौर पर प्राधिकरण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम निगरानी कर रही है. इसके बावजूद प्रदूषण की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है.
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