नई दिल्ली: बदरपुर स्थित करीब 42 एकड़ में फैली ताजपुर पहाड़ी की खाई सालों से स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. इसमें मोड़बंद, मोहनबाबा नगर आदि क्षेत्रों के नालों और सीवर का पानी गिरता है. इससे क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया आदि खतरनाक मच्छरों के पनपने का डर बना रहता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके सामने यह समस्या सालों से बनी हुई है. लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है.
2012 में तैयार हुआ था प्लान
स्थानीय लोगों के अुनसार खाई को भरने का प्लान साल 2012 में तैयार किया गया था. यहां स्कूल, कॉलेज, पार्क, स्टेडियम आदि बनाया जाना था. प्लान बनने के करीब 7 साल बाद साल 2016 में खाई को भरने का काम शुरू हुआ. पूर्व विधायक नारायण दत्त शर्मा के अनुसार खाई के कुछ हिस्सों को भर कर करीब 11 करोड़ की लागत से स्कूल, 3 करोड़ रुपये की लागत से बारात घर व पार्क का निर्माण किया गया. लेकिन अभी भी खाई को भरने का काम जारी है.
बीमारियों का डर बना रहता है
स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी खाई को भरने का कार्य चल रहा है. शेष भागों में नाले-सीवर के पानी गिरने के साथ कूड़े को भी फेंका जा रहा है. इससे इलाके में खतरनाक मच्छर पनपने का डर बना रहता है और बीमार पड़ने की आशंका भी बनी रहती है.