नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में गत सोमवार को सैकड़ों की संख्या में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा प्राधिकरण के बाहर 24 गांव के किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पुलिस के साथ किसानों की धक्का-मुक्की भी हुई थी. वहीं प्राधिकरण की तरफ से मंगलवार को किसान नेता सुखबीर खलीफा सहित सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. प्राधिकरण द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है. किसानों के खिलाफ प्राधिकार की तरफ से करीब आधा दर्जन से अधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसमें जान से मारने की नियत और सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का भी मुकदमा दर्ज किया गया है.
नोएडा प्राधिकरण के अवर अभियंता ने थाना फेस 1 पर किसान नेता सुखवीर खलीफा समेत 36 नामजद, 100 अज्ञात पुरुष व 50 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. प्राधिकरण द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस द्वारा इनपर धारा 147, 148, 323, 332, 353 360 और 3/4 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराएं लगाई गई है. प्राधिकरण के अवर अभियंता हरेंद्र मलिक द्वारा पुलिस को किसानों के खिलाफ तहरीर दी गई है. इससे पहले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्राधिकरण के बाहर दो दौर की बैठक की पर दोनों ही बैठकों का कोई निष्कर्ष नहीं निकला था.
थाना फेज वन के प्रभारी निरीक्षक ध्रुव भूषण दुबे ने बताया कि किसानों के खिलाफ नामजद और अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें किसानों द्वारा प्राधिकरण की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, जिसे देखते हुए पूरे मामले की जांच करते हुए लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है और टीम बनाकर दबिश की जा रही है. इससे पहले सोमवार को दोपहर बाद नोएडा के 24 गांवों के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सेक्टर 6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे और जमकर धरना प्रदर्शन किया था. किसानों को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. पुलिस विभाग का नेतृत्व डीआईजी कानून व्यवस्था द्वारा खुद की गई थी, जिसके साथ कमांडो भी तैनात किए गए थे.
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इस दौरान किसान नेता सुखबीर खलीफा ने धरना प्रदर्शन किया था. किसानों की प्राधिकरण के एसीईओ के साथ वार्ता भी हुई थी, जो विफल रही थी. किसानों ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ऋतु महेश्वरी से वार्ता करने की बात कही थी. किसानों के आक्रोश को देखते हुए प्राधिकरण ने दूसरी वार्ता में किसानों की मांग स्वीकार करते हुए जल्द समस्या को निस्तारित करने का आश्वासन दिया था. इसके बाद किसानों का धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ था.
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