नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में पहुंची जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठाये और प्रशासन की ओर से अभी तक एफआईआर ना होने पर भी कड़ा विरोध जताया. जेएनयू के तराने के साथ, 'लाल सलाम' के साथ पूरे जामिया ने लाल सलाम दोहराया.
दरअसल हिंसा के एक महीने बाद फिर से जामिया में 15 दिसंबर को हुए दिल्ली पुलिस के एक्शन पर छात्र पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे हैं. जामिया के बाहर पहुंची जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि जिस तरह हमारा ये प्रदर्शन चल रहा है. ये एक दूसरे के साथ और आपसी सहयोग से बनी ताकत से है.
'जेएनयू की तरफ से लाल सलाम'
जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने महिलाओं को सलाम करते हुए कहा कि हम आप सब के बिना कुछ नहीं और उन्होंने कहा कि जिस तरह मुस्लिम महिलाएं कंधे से से कंधा मिलाकर शाहीन बाग में धरने पर बैठी हैं. उन महिलाओं ने सरकार को बता दिया है कि वो रिहा हो गई हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह पीएम मोदी और अमित शाह मुस्लिम महिलाओं के हक की बात करते हैं. उन्हें हक दिलाने कि बात करते हैं, तो आज मुस्लिम औरतों ने बता दिया कि जरुरत पड़ने पर वो हर जगह आजादी के लिए उठ खड़ी हो सकती हैं.
'कश्मीर से शुरू हुआ हमारे संविधान को बदलना'
आइशी ने कहा 'हम इस लड़ाई में कश्मीर के पीछे हैं और उनकी बात नहीं भूल सकते. उनके साथ जो हो रहा है, कहीं ना कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरू किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए.'
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा हुई थी. जिसके बाद पुलिस कैंपस के अंदर घुसी थी और प्रदर्शनकारियों की पिटाई की थी. पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया. इस हिंसा में डीटीसी की चार बसें, 100 निजी वाहन और मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त हो गई थी. आज इसी मामले को लेकर जामिया छात्र एफआईआर दर्ज करने की बात कर रहे हैं और अड़े हैं कि यूनिवर्सिटी की ओर से इस पर एक्शन लिया जाए.