नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र लगातार सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी ने 24 दिसंबर को नेशनल प्रोटेस्ट-डे मनाते हुए विरोध मार्च निकालने का फैसला किया है. इसको लेकर समिति ने सभी लोगों से अपील की है कि वह इस प्रदर्शन में शामिल हों. बता दें कि यह प्रदर्शन मार्च 24 दिसंबर मंगलवार दोपहर 11 बजे मंडी हाउस से शुरू होकर गृह मंत्री अमित शाह के आवास कृष्णा मेनन मार्ग तक जाएगा.
'CAA और NRC देश की आत्मा पर प्रहार'
इस प्रदर्शन मार्च को लेकर जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी के सदस्य और छात्र मीरान हैदर ने कहा कि मोदी सरकार इस तरह का कानून लेकर आई है जिससे देश की आत्मा पर प्रहार हो रहा है. देश की युवा पीढ़ी कभी सहन नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि देश गांधी और अंबेडकर की नीतियों पर चलता रहा है और आगे भी चलता रहेगा और यदि कोई देश में इस तरह का काला कानून लागू करने की कोशिश करेगा तो हम उसका पुरजोर विरोध करेंगे.
'पुलिस दमन से पीछे हटने वाले नहीं'
मीरान ने कहा कि पुलिस ने जो छात्रों पर की बर्बरता की है. वो सांप्रदायिक राजनीति के खिलाफ उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के आवास तक विरोध मार्च निकालने का फैसला किया है. मीरान ने बताया कि उनका यह विरोध मार्च शांतिपूर्ण रहेगा जिसमें सभी प्रदर्शनकारी दोनों हाथ ऊपर कर और मुंह पर काली पट्टी बांधकर मार्च करेंगे.
इस मार्च का उद्देश्य सरकार को यह बताना होगा कि पुलिस दमन से वह डरकर पीछे हटने वाले नहीं और बिना कोई हिंसा किए गांधी के आदर्शों पर चलकर वह अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे.वहीं मीरान कहा कि उनके इस विरोध प्रदर्शन के चलते एहतियातन मेट्रो गेट या रोड बंद की जा सकती है.