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ग्रेनो प्राधिकरण ने शिक्षण संस्थानों के दो भूखंडों के आवंटन किए रद्द

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Published : Nov 28, 2022, 8:34 PM IST

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बकाया धनराशि न जमा करने पर दो शिक्षण संस्थानों के आवंटन रद्द कर दिए हैं. दोनों भूखंडों पर प्रीमियम व लीजरेंट को मिलाकर करीब 50.64 करोड़ रुपये की धनराशि बकाया थी. इन दोनों भूखंडों पर अब तक किसी तरह के निर्माण भी नहीं हुए हैं, जिसके चलते प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है. प्राधिकरण इन दोनों भूखंडों को अपने कब्जे में लेकर नई स्कीम के जरिए आवंटित करेगा.

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नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अर्से से बकाया रकम का भुगतान न करने और परियोजना को पूरा न करने वाले आवंटियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राधिकरण ने विगत बुधवार को एक बिल्डर को आवंटित दो भूखंडों के आवंटन निरस्त कर दिये थे. अब दो शिक्षण संस्थानों के आवंटन रद्द किए गए हैं. (Greno canceled Allotment of educational institutions)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि प्रियदर्शिनी कॉलेज ऑफ कंप्यूटर साइंस (Priyadarshini College Of Computer Science) को 1999 में सेक्टर नॉलेज पार्क वन में 28,750 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी. संस्था को इस भूखंड के एवज में बतौर प्रीमियम धनराशि व लीज रेंट करीब 25.73 करोड़ रुपये जमा करने थे. संस्था ने सभी मदों में मिलाकर अब तक करीब 2.25 करोड़ रुपये धनराशि ही जमा की है. आवंटी को 2013, 2014, 2015, 2017, 2018, 2019 व 2020 में कई बार डिफॉल्टर नोटिस और कैंसिलेशन नोटिस जारी किए गए. इसी प्रकरण में एसीईओ स्तर पर ही सुनवाई हुई और बकाया भुगतान के लिए अंतिम अवसर भी दिया गया, लेकिन संस्था ने प्रीमियम या फिर लीज रेंट के रूप में कोई भुगतान नहीं किया, जिसके चलते संस्था का आवंटन निरस्त कर दिया गया है.

वहीं, प्राधिकरण के संस्थागत विभाग ने ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बनाने के लिए सोहो फूड एंड वेबरेजेस (सोहो मास्कोट फाउंडेशन) को 2014 में सेक्टर टेकजोन-7 में 20 हजार वर्ग मीटर का भूखंड आवंटन भी निरस्त कर दिया है. इस संस्था पर करीब 20.08 करोड़ रुपये प्रीमियम और करीब 4.83 करोड़ रुपये लीज रेंट बकाया हो चुका था. इसकी नौ किस्तें बकाया हो चुकी थीं. इस दौरान संस्था को कई बार डिफॉल्टर नोटिस और फिर कैंसिलेशन नोटिस जारी की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसके चलते संस्था आवंटन निरस्त कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: आफताब के वैन पर तलवार से हमला, जांच के लिए पहुंचा था FSL कार्यालय

प्राधिकरण ने कहा है कि अगर दोनों आवंटियों की प्राधिकरण पर कोई देयता बनती है तो उसे गणना कराकर वापस किया जाएगा. प्राधिकरण शीघ्र ही इन दोनों प्लॉटों को भी अपने कब्जे में ले लेगा. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न देने और परियोजना को पूरा न करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा. उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे. उनसे प्राप्त भूखंडों को नई योजनाओं के जरिए आवंटित किया जाएगा, ताकि निवेश आ सके और लोगों को रोजगार व अन्य सुविधाएं मिल सके.

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नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर लंबे अर्से से बकाया रकम का भुगतान न करने और परियोजना को पूरा न करने वाले आवंटियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. प्राधिकरण ने विगत बुधवार को एक बिल्डर को आवंटित दो भूखंडों के आवंटन निरस्त कर दिये थे. अब दो शिक्षण संस्थानों के आवंटन रद्द किए गए हैं. (Greno canceled Allotment of educational institutions)

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ अदिति सिंह ने बताया कि प्रियदर्शिनी कॉलेज ऑफ कंप्यूटर साइंस (Priyadarshini College Of Computer Science) को 1999 में सेक्टर नॉलेज पार्क वन में 28,750 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की गई थी. संस्था को इस भूखंड के एवज में बतौर प्रीमियम धनराशि व लीज रेंट करीब 25.73 करोड़ रुपये जमा करने थे. संस्था ने सभी मदों में मिलाकर अब तक करीब 2.25 करोड़ रुपये धनराशि ही जमा की है. आवंटी को 2013, 2014, 2015, 2017, 2018, 2019 व 2020 में कई बार डिफॉल्टर नोटिस और कैंसिलेशन नोटिस जारी किए गए. इसी प्रकरण में एसीईओ स्तर पर ही सुनवाई हुई और बकाया भुगतान के लिए अंतिम अवसर भी दिया गया, लेकिन संस्था ने प्रीमियम या फिर लीज रेंट के रूप में कोई भुगतान नहीं किया, जिसके चलते संस्था का आवंटन निरस्त कर दिया गया है.

वहीं, प्राधिकरण के संस्थागत विभाग ने ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बनाने के लिए सोहो फूड एंड वेबरेजेस (सोहो मास्कोट फाउंडेशन) को 2014 में सेक्टर टेकजोन-7 में 20 हजार वर्ग मीटर का भूखंड आवंटन भी निरस्त कर दिया है. इस संस्था पर करीब 20.08 करोड़ रुपये प्रीमियम और करीब 4.83 करोड़ रुपये लीज रेंट बकाया हो चुका था. इसकी नौ किस्तें बकाया हो चुकी थीं. इस दौरान संस्था को कई बार डिफॉल्टर नोटिस और फिर कैंसिलेशन नोटिस जारी की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया, जिसके चलते संस्था आवंटन निरस्त कर दिया गया है.

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प्राधिकरण ने कहा है कि अगर दोनों आवंटियों की प्राधिकरण पर कोई देयता बनती है तो उसे गणना कराकर वापस किया जाएगा. प्राधिकरण शीघ्र ही इन दोनों प्लॉटों को भी अपने कब्जे में ले लेगा. प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि प्राधिकरण का बकाया भुगतान न देने और परियोजना को पूरा न करने वाले किसी भी आवंटी को बख्शा नहीं जाएगा. उनके आवंटन रद्द किए जाएंगे. उनसे प्राप्त भूखंडों को नई योजनाओं के जरिए आवंटित किया जाएगा, ताकि निवेश आ सके और लोगों को रोजगार व अन्य सुविधाएं मिल सके.

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