ETV Bharat / state

नोएडा: 6 लग्जरी कारों के साथ 5 चोर गिरफ्तार, यूट्यूब से तकनीक सीखकर करते थे चोरी

ग्रेटर नोएडा के बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने मुठभेड़ में अंतरराष्ट्रीय वाहन चोर गिरोह के 5 आरोपियों को गिरफ्तार (Greater Noida police arrested car thieves) किया है. इस गिरोह की खास बात है कि यह लोग यूट्यूब से कार चोरी की तकनीकी सीखकर चोरी (Used to learn technology from YouTube how to steal) की घटना को अंजाम देते थे. इनके पास से 6 लग्जरी कार बरामद हुई है.

Greater Noida police arrested car thieves
Greater Noida police arrested car thieves
author img

By

Published : Dec 16, 2022, 6:21 PM IST

अभिषेक वर्मा, डीसीपी ग्रेटर नोएडा

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने मुठभेड़ में अंतरराष्‍ट्रीय वाहन चोर गिरोह के 5 आरोपियों को गिरफ्तार (Greater Noida police arrested car thieves) किया है. इनके कब्‍जे से पुलिस ने चोरी की 6 लग्‍जरी कार समेत कई सामान बरामद किया है. आरोपियों ने यूट्यूब और गैराज पर काम करके गाड़ियों को चोरी करने की आधुनिक तकनीक सीखी (Used to learn technology from YouTube how to steal) थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है. पुलिस गिरोह के अन्‍य सदस्‍यों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है. इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम को पुरस्‍कृत किया जाएगा.

दरअसल, बीटा-2 कोतवाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि क्षेत्र में दिल्‍ली एनसीआर से गाड़ी चोरी कर बेचने वाला गिरोह सक्रिय है. पुलिस ने सूचना के आधार पर बीते 15 दिसम्‍बर की देर रात परी चौक पर वाहन चेकिंग शुरू कर दी. देर रात पुलिस को एक सफेद रंग की ब्रिजा कार आती दिखाई दी. पुलिस ने कार चालक को रुकने का इशारा किया, लेकिन पुलिस को देखकर कार सवार वहां से भाग निकला. पुलिस टीम ने कार का पीछा किया तो कार सवार लोगों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी.

चूहड़पुर अंडरपास के करीब पुलिस टीम की जवाबी कार्रवाई में कार सवार संदीप नागर, अभिजीत वर्मा को गोली लगी, जिन्‍हें उपचार के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने आरोपियों के एक अन्‍य सहयोगी अमरदीप को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने इनके दो अन्‍य साथी केशव और आशीष को भी गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 अवैध तमंचे, 6 कारतूस और 3 खोखा, एक पीट्ठू बैग में चार जोड़ी नम्बर प्लेट, एक कम्प्यूटर डिवाइस नई चाबियों में सोफ्टवेयर डालने के लिए, एक ड्रिल मशीन, दो प्लास छोटे, एक पेचकस, दो टी नुकीली गाडियों के लॉक तोड़ने के लिए, एक छेनी, एक पाना छोटा, एक चाबी पाना, ग्यारह चाबी नई मारूती कम्पनी, तीन चाबी नई महिन्द्रा कम्पनी की, अलग-अलग कम्‍पनियों के 6 मोबाइल और चोरी की 6 लग्जरी कार बरामद की गई.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में टीचर ने 5वीं की छात्रा को पहली मंजिल से फेंका

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम: डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आशीष आठवीं पास है. वह गिरोह द्वारा निशाना बनाई गई गाड़ी को इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से चोरी कर लेता था. बाद में अभिजीत संदीप की मदद से गाड़ी को छिपाने का काम करता था. बाद में मौका पाकर गाड़ी की नम्‍बर प्‍लेट बदलकर सड़क मार्ग के रास्‍ते देश के विभिन्‍न शहरों में अपने रिसीवरों को गाड़ी सौंपते थे. यही गाड़ी को खरीददारों को डिलीवर करते थे.

ऑनलाइन खरीदी डिवाइस: डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने ऑनलाइन 80 हजार रुपये में एक डिवाइस खरीदी थी. इसकी मदद से गाड़ी का दरवाजा खोलना तथा लॉक खोलने का काम किया जाता था. आरोपी फ्रीक्वेंसी का मिलान कर गाड़ी की चाबी तैयार करता था. चोरी की गई गाड़ी की नंबर प्‍लेट एवं जीपीआरएस को चंद मिनटों में हटा देते थे. आरोपी चोरी की गई गाड़ी के लॉक को खोलने के लिए चुम्‍बक का भी प्रयोग करते थे. चंद सेकेंड्स में गाड़ी का लॉक खोल लेते थे.

60 से 80 फीसदी सस्‍ती दरों पर बेचते थे कारें: डीसीपी ने बताया कि आरोपी दिल्‍ली एनसीआर में लग्‍जरी कारों को ही अपना निशाना बनाते थे. वह कार की कंडिशन के आधार पर कर की कीमत तय करते थे. वैसे आरोपी कारों को 60 से 80 फीसदी कम कीमत पर बेचते थे. यदि कार की कंडीशन बहुत अच्‍छी नहीं होती थी तो उसे और भी सस्‍ती दर पर बेच देते थे.

ये भी पढे़ं: दिल्ली दंगे का आरोपी कर रहा था चोरी और स्नेचिंग, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार निवासी बाबा खान की मदद से गाड़ियों को दूसरे देश और राज्‍यों में बेचते थे: डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपी गाड़ियों की चोरी कर बिहार के आरा निवासी बाबा खान की मदद से देश के दूसरे राज्‍यों और देशों में तैनात उसके रिसीवरों तक गाड़ियां पहुंचाते थे. गाड़ियों को नेपाल, नागालैंड, असम और अन्‍य उत्तरी राज्‍यों में पहुंचाया जाता था. अभी तक आरोपी दिल्‍ली, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद से ही लगभग 3 दर्जन कारों की चोरी कर चुके हैं. वहीं, इनके द्वारा अभी तक देश भर से बड़ी मात्रा में गाड़ियों की चोरी कर दूसरे राज्‍यों में बेचा जा चुका है.

महिन्‍द्रा और मारुति की कारें होती थी गिरोह के निशाने पर: पुलिस के अनुसार, यह गिरोह महिन्‍द्रा और मारुति कम्‍पनी की कारों को अधिक निशाना बनाते थे. इसका मुख्‍य कारण था कि इन कम्‍पनियों की कारों पर इनकी कम्‍प्‍यूटर डिवाइस बेहतर काम करती थी.

गिरफ्तार आरोपियों का रहा है आपराधिक इतिहास: डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से अभिजीत और अमरजीत पर हत्‍या, हत्‍या का प्रयास एवं गैंगस्‍टर और वाहन चोरी जैसे मामले दर्ज हैं. इनके ऊपर इटावा, गौतमबुद्ध नगर और आगरा, बुलन्‍दशहर, हापुड़ आदि स्‍थानों पर कई मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार गिरोह के सरगना संदीप नागर और अभिजीत हैं. आशीष ने शुरू में एक गैराज पर काम किया था, जिससे उसको कारों के बारे में काफी जानकारी थी. वहीं उसने यूट्यूब से कार चोरी करने की इस तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

अभिषेक वर्मा, डीसीपी ग्रेटर नोएडा

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा बीटा-2 कोतवाली पुलिस ने मुठभेड़ में अंतरराष्‍ट्रीय वाहन चोर गिरोह के 5 आरोपियों को गिरफ्तार (Greater Noida police arrested car thieves) किया है. इनके कब्‍जे से पुलिस ने चोरी की 6 लग्‍जरी कार समेत कई सामान बरामद किया है. आरोपियों ने यूट्यूब और गैराज पर काम करके गाड़ियों को चोरी करने की आधुनिक तकनीक सीखी (Used to learn technology from YouTube how to steal) थी. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर जेल भेज दिया है. पुलिस गिरोह के अन्‍य सदस्‍यों के बारे में जानकारी हासिल कर रही है. इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम को पुरस्‍कृत किया जाएगा.

दरअसल, बीटा-2 कोतवाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि क्षेत्र में दिल्‍ली एनसीआर से गाड़ी चोरी कर बेचने वाला गिरोह सक्रिय है. पुलिस ने सूचना के आधार पर बीते 15 दिसम्‍बर की देर रात परी चौक पर वाहन चेकिंग शुरू कर दी. देर रात पुलिस को एक सफेद रंग की ब्रिजा कार आती दिखाई दी. पुलिस ने कार चालक को रुकने का इशारा किया, लेकिन पुलिस को देखकर कार सवार वहां से भाग निकला. पुलिस टीम ने कार का पीछा किया तो कार सवार लोगों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी.

चूहड़पुर अंडरपास के करीब पुलिस टीम की जवाबी कार्रवाई में कार सवार संदीप नागर, अभिजीत वर्मा को गोली लगी, जिन्‍हें उपचार के लिए अस्‍पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस ने आरोपियों के एक अन्‍य सहयोगी अमरदीप को भी गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने इनके दो अन्‍य साथी केशव और आशीष को भी गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने आरोपियों के पास से 3 अवैध तमंचे, 6 कारतूस और 3 खोखा, एक पीट्ठू बैग में चार जोड़ी नम्बर प्लेट, एक कम्प्यूटर डिवाइस नई चाबियों में सोफ्टवेयर डालने के लिए, एक ड्रिल मशीन, दो प्लास छोटे, एक पेचकस, दो टी नुकीली गाडियों के लॉक तोड़ने के लिए, एक छेनी, एक पाना छोटा, एक चाबी पाना, ग्यारह चाबी नई मारूती कम्पनी, तीन चाबी नई महिन्द्रा कम्पनी की, अलग-अलग कम्‍पनियों के 6 मोबाइल और चोरी की 6 लग्जरी कार बरामद की गई.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में टीचर ने 5वीं की छात्रा को पहली मंजिल से फेंका

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम: डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आशीष आठवीं पास है. वह गिरोह द्वारा निशाना बनाई गई गाड़ी को इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइस की मदद से चोरी कर लेता था. बाद में अभिजीत संदीप की मदद से गाड़ी को छिपाने का काम करता था. बाद में मौका पाकर गाड़ी की नम्‍बर प्‍लेट बदलकर सड़क मार्ग के रास्‍ते देश के विभिन्‍न शहरों में अपने रिसीवरों को गाड़ी सौंपते थे. यही गाड़ी को खरीददारों को डिलीवर करते थे.

ऑनलाइन खरीदी डिवाइस: डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने ऑनलाइन 80 हजार रुपये में एक डिवाइस खरीदी थी. इसकी मदद से गाड़ी का दरवाजा खोलना तथा लॉक खोलने का काम किया जाता था. आरोपी फ्रीक्वेंसी का मिलान कर गाड़ी की चाबी तैयार करता था. चोरी की गई गाड़ी की नंबर प्‍लेट एवं जीपीआरएस को चंद मिनटों में हटा देते थे. आरोपी चोरी की गई गाड़ी के लॉक को खोलने के लिए चुम्‍बक का भी प्रयोग करते थे. चंद सेकेंड्स में गाड़ी का लॉक खोल लेते थे.

60 से 80 फीसदी सस्‍ती दरों पर बेचते थे कारें: डीसीपी ने बताया कि आरोपी दिल्‍ली एनसीआर में लग्‍जरी कारों को ही अपना निशाना बनाते थे. वह कार की कंडिशन के आधार पर कर की कीमत तय करते थे. वैसे आरोपी कारों को 60 से 80 फीसदी कम कीमत पर बेचते थे. यदि कार की कंडीशन बहुत अच्‍छी नहीं होती थी तो उसे और भी सस्‍ती दर पर बेच देते थे.

ये भी पढे़ं: दिल्ली दंगे का आरोपी कर रहा था चोरी और स्नेचिंग, पुलिस ने किया गिरफ्तार

बिहार निवासी बाबा खान की मदद से गाड़ियों को दूसरे देश और राज्‍यों में बेचते थे: डीसीपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपी गाड़ियों की चोरी कर बिहार के आरा निवासी बाबा खान की मदद से देश के दूसरे राज्‍यों और देशों में तैनात उसके रिसीवरों तक गाड़ियां पहुंचाते थे. गाड़ियों को नेपाल, नागालैंड, असम और अन्‍य उत्तरी राज्‍यों में पहुंचाया जाता था. अभी तक आरोपी दिल्‍ली, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद से ही लगभग 3 दर्जन कारों की चोरी कर चुके हैं. वहीं, इनके द्वारा अभी तक देश भर से बड़ी मात्रा में गाड़ियों की चोरी कर दूसरे राज्‍यों में बेचा जा चुका है.

महिन्‍द्रा और मारुति की कारें होती थी गिरोह के निशाने पर: पुलिस के अनुसार, यह गिरोह महिन्‍द्रा और मारुति कम्‍पनी की कारों को अधिक निशाना बनाते थे. इसका मुख्‍य कारण था कि इन कम्‍पनियों की कारों पर इनकी कम्‍प्‍यूटर डिवाइस बेहतर काम करती थी.

गिरफ्तार आरोपियों का रहा है आपराधिक इतिहास: डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से अभिजीत और अमरजीत पर हत्‍या, हत्‍या का प्रयास एवं गैंगस्‍टर और वाहन चोरी जैसे मामले दर्ज हैं. इनके ऊपर इटावा, गौतमबुद्ध नगर और आगरा, बुलन्‍दशहर, हापुड़ आदि स्‍थानों पर कई मामले दर्ज हैं. गिरफ्तार गिरोह के सरगना संदीप नागर और अभिजीत हैं. आशीष ने शुरू में एक गैराज पर काम किया था, जिससे उसको कारों के बारे में काफी जानकारी थी. वहीं उसने यूट्यूब से कार चोरी करने की इस तकनीक के बारे में जानकारी हासिल की थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.