नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने शनिवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के घोंडा इलाक़े में मौजूदा सीवेज़ पाइपलाइन को अपग्रेड करने का निर्णय लिया है. इसके लिए 16.65 करोड़ रुपये लागत के परियोजना कार्य को मंज़ूरी दी गई है.
इस मौक़े पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि घोंडा क्षेत्र में मौजूदा सीवर पाइपलाइन लगभग 20 साल पुरानी हो चुकी है. इन दो दशकों में आस-पास के इलाक़े की जनसंख्या भी बढ़ी है, जिससे इन पाइपलाइनों पर दबाव बढ़ा है. इसे देखते हुए निर्णय लिया गया है कि यहां मौजूदा पाइपलाइन को बदलने के साथ सीवेज पंप स्टेशन को अपग्रेड भी किया जाएगा, ताकि भविष्य में सीवर ओवरफ़्लो जैसी कोई समस्या उत्पन्न न हो और साथ ही स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राजधानी को विश्व के सबसे साफ़-सुथरे व सुंदर शहरों में शामिल करने को प्रतिबद्ध है. इस दिशा में दिल्ली के सीवर नेटवर्क को बेहतर बनाना बेहद महत्वपूर्ण है. ऐसे में सरकार दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में नई सीवर लाइन डालने और मौजूदा सीवर नेटवर्क को अपग्रेड करने का काम का रही है. घोंडा के सीवर पंपिंग स्टेशन का अपग्रदेशन भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है.
बता दें कि घोंडा के मौजूदा सीवर पंपिंग स्टेशन के अपग्रडेशन के साथ इसकी क्षमता 20 एमजीडी तक बढ़ाने से आस-पास के इलाक़े जैसे भजनपुरा, यमुना विहार सहित अन्य कई कॉलोनियों के हजारों निवासियों को फ़ायदा मिलेगा. इससे कॉलोनियों में सीवर ओवरफ्लो जैसी समस्या उत्पन्न नहीं होगी.
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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पानी व सीवर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करना सरकार का काम है. लोग टैक्स देते हैं, इस कारण बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं उनका हक है. दिल्ली सरकार ने यमुना नदी को 2025 तक साफ़ करने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत दिल्ली के 100 फीसदी घरों को भी सीवर लाइन से जोड़ने का प्लान है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड को दी है, जिस तरह पिछले कार्यकाल में दिल्ली सरकार ने स्कूलों और अस्पतालों का कायाकल्प किया. वैसे ही इस बार यमुना को भी प्राथमिकता के आधार पर साफ करना ही मुख्य मकसद है.
उन्होंने कहा कि यमुना के दूषित होने का एक कारण अनट्रीटेड सीवर है. इसलिए केजरीवाल सरकार पूरी दिल्ली में सीवर नेटवर्क बेहतर बना रही है और बड़ी संख्या में नए एसटीपी का निर्माण व मौजूदा एसटीपी का अपग्रेडेशन करवा रही है, ताकि यमुना को साफ़ किया जा सके.
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