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White Foam on Yamuna : चैती छठ के मौके पर कालिंदी कुंज यमुना घाट पर झाग ही झाग - चैति छठ का पहला अर्घ्य

आज चैती छठ मनाया जा रहा है. चैती छठ का पहला अर्घ्य आज डूबते हुए भगवान भास्कर को दिया जाएगा. मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन होगा. इस बार यमुना में बड़ी मात्रा में झाग ही झाग नजर आ रहा है, जो भक्तों के लिए मुश्किल भरा होने वाला है.

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यमुना घाट पर झाग ही झाग
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Published : Mar 27, 2023, 10:59 AM IST

Updated : Mar 27, 2023, 11:18 AM IST

नई दिल्ली : आज चैती छठ मनाया जा रहा है. इस मौके पर दिल्ली में भक्तों को यमुना के झाग भरी पानी में ही पूजा करना पड़ेगा. बीते कई दिनों से दिल्ली के कालिंदी कुंज में बड़े पैमाने पर सफेद रंग का झाग नजर आ रहा है. चैती छठ पर छठ पूजा करने वाले भक्त कालिंदी कुंज यमुना घाट पहुंचते हैं और भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं.

बता दें कि छठ पर्व नहाए खाए के साथ शुरू होता है और चार दिनों तक चलता हैं. छठ महापर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है. कार्तिक मास में मनाया जाने वाला छठ महापर्व काफी लोकप्रिय है, जबकि चैती छठ, कार्तिक मास में होने वाले छठ के मुकाबले कम लोकप्रिय है. इसे बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड में मनाया जाता है. दिल्ली में भी चैती छठ अब लोग मनाने लगे हैं. इस मौके पर भक्त यमुना किनारे पहुंच कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं.

वहीं, अगर अन्य साल की तरह कालिंदी कुंज यमुना में भक्त चैती छठ के लिए पहुंचेंगे तो उनको झाग वाली यमुना में ही पूजा करनी होगी, क्योंकि यमुना में बड़ी मात्रा में सफेद रंग का झाग बीते कई दिनों से नजर आ रहा है. कार्तिक मास में होने वाले छठ महापर्व को लेकर सरकारी तौर पर दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर घाट निर्मित किए जाते हैं, लेकिन चैती छठ के दौरान ऐसी व्यवस्था दिल्ली में नहीं होती है. ऐसे में भक्तों को यमुना के किनारे ही पूजा-अर्चना करनी होती है. चैती छठ पर्व की शुरुआत शनिवार को नहाए खाए के साथ हुई थी. रविवार को खरना और सोमवार को पहला अर्घ्य होगा. मंगलवार सुबह उगते हुए भास्कर को अर्घ्य देकर चार दिवसीय पर्व का समापन होगा.

ये भी पढ़ें : Chaiti Chhath Puja 2023: आज चैती छठ का तीसरा दिन, शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य

नई दिल्ली : आज चैती छठ मनाया जा रहा है. इस मौके पर दिल्ली में भक्तों को यमुना के झाग भरी पानी में ही पूजा करना पड़ेगा. बीते कई दिनों से दिल्ली के कालिंदी कुंज में बड़े पैमाने पर सफेद रंग का झाग नजर आ रहा है. चैती छठ पर छठ पूजा करने वाले भक्त कालिंदी कुंज यमुना घाट पहुंचते हैं और भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं.

बता दें कि छठ पर्व नहाए खाए के साथ शुरू होता है और चार दिनों तक चलता हैं. छठ महापर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है. कार्तिक मास में मनाया जाने वाला छठ महापर्व काफी लोकप्रिय है, जबकि चैती छठ, कार्तिक मास में होने वाले छठ के मुकाबले कम लोकप्रिय है. इसे बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड में मनाया जाता है. दिल्ली में भी चैती छठ अब लोग मनाने लगे हैं. इस मौके पर भक्त यमुना किनारे पहुंच कर भगवान भास्कर को अर्घ्य देते हैं.

वहीं, अगर अन्य साल की तरह कालिंदी कुंज यमुना में भक्त चैती छठ के लिए पहुंचेंगे तो उनको झाग वाली यमुना में ही पूजा करनी होगी, क्योंकि यमुना में बड़ी मात्रा में सफेद रंग का झाग बीते कई दिनों से नजर आ रहा है. कार्तिक मास में होने वाले छठ महापर्व को लेकर सरकारी तौर पर दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर घाट निर्मित किए जाते हैं, लेकिन चैती छठ के दौरान ऐसी व्यवस्था दिल्ली में नहीं होती है. ऐसे में भक्तों को यमुना के किनारे ही पूजा-अर्चना करनी होती है. चैती छठ पर्व की शुरुआत शनिवार को नहाए खाए के साथ हुई थी. रविवार को खरना और सोमवार को पहला अर्घ्य होगा. मंगलवार सुबह उगते हुए भास्कर को अर्घ्य देकर चार दिवसीय पर्व का समापन होगा.

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Last Updated : Mar 27, 2023, 11:18 AM IST
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